हमीरपुर:
यमुना-बेतवा की बाढ़ से घिरे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम एनडीआरएफ के दस्ते के साथ नाव (बोट) से भ्रमण कर मरीजों का उपचार करने में जुटी है। रविवार को भी टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर मरीजों को दवाएं प्रदान की । इसके साथ ही संक्रामक रोगों से बचाव के टिप्स भी दिए।

जनपद मुख्यालय सहित करीब 90 से अधिक गांव बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं। कुछ ऐसे भी गांव हैं, जिनका मुख्यालय से संपर्क कट गया है। ऐसी स्थिति में मरीजों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। मरीजों को इलाज और दवाएं मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अधिक प्रभावित इलाकों में टीमों को लगा रखा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बताया कि बाढ़ से घिरे सिड़रा, सिकरोढ़ी गांवों में कुछ लोगों के बीमार होने की खबर मिली थी। इसके बाद एनडीआरएफ के दस्ते के साथ नाव से एक टीम को इन गांवों के लिए रवाना किया गया। सिकरोढ़ी गांव का उन्होंने स्वयं एसीएमओ डॉ.पीके सिंह के साथ भ्रमण किया। इसके अलावा बाढ़ग्रस्त केसरिया का डेरा, ब्रह्मा का डेरा, टिकरौली, मेरापुर, जरैली मड़इया जैसे गांवों में भी टीमें भ्रमण कर मरीजों का उपचार कर दवाएं बांट रही हैं। बाढ़ राहत केंद्रों पीजी कॉलेज कुछेछा, महर्षि विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज और कलौलीतीर स्थित ब्रजराज नर्सिंग कॉलेज में एक-एक टीम शिविरार्थियों के उपचार में लगी हुई हैं। सरीला तहसील के कनेरा डेरा में भी नाव के जरिए टीम को भेजकर मरीजों को दवाएं मुहैया कराई गई हैं।

सीएमओ ने बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) आरके यादव की अगुवाई में दो मोबाइल टीमें गठित की गई हैं, जो कि हाइवे के किनारे तंबू में रह रहे बाढ़ पीड़ितों के उपचार में लगी हुई हैं। डीएमओ ने बताया कि उनके नेतृत्व में दो टीमें काम कर रही हैं। अब तक 750 से अधिक मरीजों को देखा जा चुका है। इन्हें दवाएं मुहैया कराई गई हैं। इसके साथ ही संक्रामक रोगों से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है। डिमुंहा-रिठौरा में भी टीम ने भ्रमण कर 75 लोगों को दवाएं बांटी।