नई दिल्ली: कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन में मिली कुछ छूट और प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को भारत सरकार ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा और ऐहतियाती कदमों को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कोविड-19 मरीजों की संख्या दोगुने होने का समय पहले के मुकाबले कम हुआ है।

कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन में मिली कुछ छूट और प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को भारत सरकार ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा और ऐहतियाती कदमों को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कोविड-19 मरीजों की संख्या दोगुने होने का समय पहले के मुकाबले कम हुआ है।

उन्होंने बताया कि दो दिन पहले तक औसतन 12 दिन में संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी हो रही थी लेकिन आज यह औसत 10 दिन का है। लेकिन साथ ही अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि इन दिनों ‘क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए’ का यदि कड़ाई से पालन किया गया, तो कोविड-19 के मामलों को चरम पर पहुंचने से रोका जा सकता है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘ऐसे में जब हम लॉकडाउन में छूट या ढील की बात कर रहे हैं और प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घर लौट रहे हैं, तो हमारे सामने एक बड़ी चुनौती पैदा हो रही है और हमें अब कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा।’’ संयुक्त सचिव ने कहा, ‘‘और जब हम वायरस के साथ जीना सीखने की बात कर रहे हैं तो यह महत्वपूर्ण है कि स्वयं को वायरस संक्रमण से बचाने के लिए जारी दिशा-निर्देशों को पूरा समाज अपने अंदर समाहित करे और उसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाए।’’

उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती है और सरकार को इसके लिए समाज का सहयोग चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में लॉकडाउन में कुछ छूट देते हुए लोगों से कहा था कि अब शहर को खोलने का वक्त आ गया है और सभी को इस कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा।

कोरोना वायरस संक्रमण पर जिलेवार स्थिति बताते हुए अग्रवाल ने कहा कि देश के करीब 216 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से जुड़े सभी पहलुओं और आंकड़ों का गहन विश्लेषण करने के बाद रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की नयी सूची राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक मई को देश के 733 जिलों को विभिन्न श्रेणियों में बांटते हुए 130 को रेड जोन, 284 को ऑरेंज जोन और 319 जिलों को ग्रीन जोन में रखा था।

अग्रवाल ने बताया कि 42 जिलों में पिछले 28 दिन से और 29 जिलों में पिछले 21 दिन से कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है। उन्होंने बताया कि 36 जिले ऐसे हैं, जहां पिछले 14 दिन में कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है। वहीं, 46 जिलों में पिछले सात दिन से कोरोना वायरस संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के जून या जुलाई में अपने चरम पर पहुंचने संबंधी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया की टिप्पणी के संबंध में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘‘‘क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए’ का यदि हम कड़ाई से पालन करते रहें, तो संभवत: हम (कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में) चरम पर पहुंचे ही नहीं और हमारा ग्राफ सीधा ही रह जाए।’’