दिल्ली:
राजस्थान में कांग्रेस की बड़ी हार हुई है. पिछले 30 सालों से चला आ रहा रिवाज एक बार फिर कायम है और कांग्रेस के बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तमाम दावे और उनके लोक लुभावन वादों को दरकिनार करते हुए राजस्थान की जनता ने बीजेपी को जमकर वोट किया और उसकी बड़ी जीत हो रही है, तो वहीं कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है. अब तक के नतीजों के आधार पर बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. भाजपा को 115 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं कांग्रेस 70 सीटों पर सिमट सकती है. यहां जानें कि आखिर कांग्रेस की हार की क्या-क्या वजह रही हैं?

राजस्थान में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह पार्टी की आपसी कलह रही. कई नेता नाराज हुए, लेकिन गहलोत ने उन्हें सही तरीके से हैंडल नहीं किया. पार्टी के अंदर गुटबाजी और कई बागी नेताओं ने पार्टी का खेल बिगाड़ा. यहां तक कि कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ा तो कुछ को बीजेपी ने अपने पाले में कर लिया.

सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई तो पूरे देश में चर्चा का मुद्दा रही, दोनों नेता काम छोड़कर आपसी लड़ाई पर ज्यादा फोकस करते दिखे. सरकार बनते ही दोनों के बीच खींचतान शुरू हुई तो खत्म होने का नाम नहीं लिया. कई बार आलाकमान ने दोनों को मनाने की कोशिश की, यहां तक कि राहुल गांधी ने खुद चुनाव प्रचार के दौरान दोनों को एक साथ मंच पर लाकर ये संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी में सबकुछ ठीक है, लेकिन दोनों के दिल नहीं मिले.

राजस्थान के चुनाव में लॉ एंड ऑर्डर भी अहम मुद्दा रहा, महिलाओं के खिलाफ अपराध की कई घटनाएं सामने आई, जिसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा. बीजेपी ने गहलोत सरकार पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर राज्य को अव्वल नंबर पर बताया. यहां तक कि राहुल गांधी और प्रियंका गाधी को कुछ घटनाओं पर बयान नहीं देने की वजह से निशाने पर लिया.

राजस्थान में कांग्रेस की हार की वजह सीएम अशोक गहलोत का अहंकार भी रहा, उनका अति आत्म विश्वास और अहंकार उन्हें ले डूबा. गहलोत के साथियों ने उनपर अहंकारी होने का आरोप लगाया. खुद उनकी पार्टी के कई विधायकों ने अपनी बात न सुनने का आरोप लगाया, वहीं सचिन पायलट से उनकी लड़ाई तो पिछले साल सरकार बनने के बाद से ही चल रही है. कई बार मीडिया के सामने आकर गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा और गद्दार तक कह दिया.

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक मामला गहलोत सरकार पर भारी पड़ा, बीजेपी ने चुनाव के दौरान इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को खूब घेरा. पेपर लीक को लेकर गहलोत को युवाओं के गुस्से का शिकार होना पड़ा. पिछले पांच साल के गहलोत कार्यकाल में कई परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले सामने आए, जिसको लेकर बीजेपी ने गहलोत पर एक्शन ना लेने का आरोप भी लगाया. ये मुद्दा गहलोत सरकार के लिए भारी पड़ा.