नई दिल्ली: भारत और चीन की सीमा पर तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। सोमवार की रात को एलएसी पर चेतावनी फायरिंग की गई। 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच हालात सामान्य करने के लिए वार्ता हो रही हैं लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इन घटनाक्रमों के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस का दौरा करने वाले हैं जहां सीमा विवाद को लेकर वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा है कि एलएसी पर स्थिति बेहद नाजुक है।

मौजूदा हालात बेहद गंभीर
विदेश मंत्री जयशंकर ने माना कि एलएसी पर मौजूदा हालात बेहद गंभीर हैं और दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर पर बेहद गंभीर और गहरी बातचीत की जरूरत है। जयशंकर ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में सरहद के हालात से अलग हटकर दोनों देशों के बीच रिश्तों को नहीं देखा जा सकता है। एस. जयशंकर ने इंडियन एक्प्रेस के एक्सप्रेस अड्डा कार्यक्रम में ये बातें कहीं।

‘द इंडिया वे’ का जिक्र
एक अखबार के साथ बातचीत में जयशंकर ने अपनी पुस्तक ‘द इंडिया वे’ का जिक्र करते हुए कहा कि आपसी रिश्तों को लेकर वह गलवन घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पहले ही लिख चुके हैं। गलवन घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एलएसी पर तनाव बढ़ गया है। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए और बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे।