दिल्ली:
ED ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दिल्ली में यंग इंडिया के कार्यालय को सील कर दिया. वहीं दिल्ली में AICC मुख्यालय के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

ईडी ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े दिल्ली और कोलकाता समेत देशभर के 12 ठिकानों पर छापा मारा. उसने दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस में भी छानबीन की थी. जानकारी सामने आई कि ईडी ने हेराल्ड हाउस की चौथी मंजिल पर छानबीन की. यहां नेशनल हेराल्ड का पब्लिकेशन ऑफिस है. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हेराल्ड हाउस पहुंच कर जोरदार प्रदर्शन भी किया.

इस मामले में पिछले महीने ED ने कांग्रेस पार्टी की आलाकमान सोनिया गांधी से पूछताछ की थी. सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने देश भर में धरना दिया था. इससे पहले राहुल गांधी से भी ईडी ने पांच दिनों तक पूछताछ की थी.

आरोप है कि नेशनल हेराल्ड, AJL (एसोसिएटिड जर्नल लिमिटिड) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटिड के बीच वित्तीय गड़बड़ियां हुईं. नेशनल हेराल्ड एक अखबार था, जिसको जवाहर लाल नेहरू ने 500 स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर शुरू किया था. इसमें ब्रिटिश के अत्याचारों के बारे में लिखा जाता था.

वहीं Associated Journals Limited एक पब्लिशर था. यह 20 नवंबर 1937 को अस्तित्व में आया था. उस वक्त यह तीन अखबारों को प्रकाशित करता था. इसमें नेशनल हेराल्ड (इंग्लिश), नवजीवन (हिंदी) एंड क़ौमी आवाज़ (उर्दू) शामिल था.

फिर 1960 के बाद AJL वित्तीय दिक्कतों से जूझने लगा. इसपर कांग्रेस पार्टी मदद के लिए आगे आई और AJL को बिना ब्याज वाला लोन दिया. फिर अप्रैल 2008 में AJL ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया. फिर 2010 में पता चला कि AJL को कांग्रेस पार्टी का 90.21 करोड़ रुपये कर्ज चुकाना है.

इसी बीच 2010 में ही 23 नवंबर को Young Indian Private Limited नाम से कंपनी बनती है. इसके दो पार्टनर थे. पहला सुमन दुबे और दूसरे सैम पित्रोदा. इस कंपनी को नॉन प्रोफिट कंपनी बताकर रजिस्टर कराया गया था. फिर अगले महीने दिसंबर की 13 तारीख को राहुल गांधी को इस कंपनी में डायरेक्टर बनाया जाता है. फिर कुछ दिनों बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने AJL के सभी ऋणों को यंग इंडियन को ट्रांसफर करने पर सहमति व्यक्त करती है.

इसके बाद जनवरी 2011 में सोनिया गांधी ने यंग इंडियन के डायरेक्टर का पदभार ग्रहण किया. इस समय तक सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया के 36 प्रतिशत शेयरों पर नियंत्रण कर लिया था. बाद में कानूनी दिक्कत तब शुरू हुई जब अगले महीने यंग इंडियन (YI) ने कोलकाता स्थित आरपीजी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड से 1 करोड़ रुपए का ऋण लिया. डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को अब एक फर्जी कंपनी बताया जाता है. इसके कुछ दिनों बाद ही AJL के पूरे शेयर होल्डर YI को 90 करोड़ AJL ऋण के एवज में ट्रांसफर कर दी गई.

इनकम टैक्स विभाग का आरोप है कि गांधी परिवार के स्वामित्व वाली यंग इंडियन ने AJL की प्रोपर्टी जिसकी कीमत 800 से 2 हजार करोड़ के बीच है, उसपर सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान करके हक जमा लिया या कब्जा कर लिया. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि Young Indian Private Limited कंपनी एक्ट के सेक्शन 25 के तहत रजिस्टर है.