लखनऊ:
इमामबाड़ा गुफ़रान मआब में मुहर्रम की चौथी मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने तक़वाए इलाही की अहमियत और इमाम हुसैन अ.स पर गिरये की अज़मत को बयान किया।

मौलाना ने अपने बयान में कहा कि क़ुरान ने साफ़ ऐलान किया हैं कि अमल सिर्फ साहिबाने तक़वा का क़ाबिले क़ुबूल हैं, इस लिए हमें तक़वाए इलाही इख़्तेयार करना चाहिए वरना हर अमल बेकार जायेगा।

मौलाना ने इमाम हुसैन अ.स की मज़लूमियत पर गिरये के सवाब को भी रिवायत और सुन्नत के ज़रिये साबित किया। उन्होंने ने कहा कि ग़मे हुसैन में रोना इबादत और पैग़म्ब-ए-इस्लाम (स अ व) की सुन्नत हैं। उलमा-ए-इस्लाम ने लिखा है कि जब जिब्राईल ने शहादते इमाम हुसैन अ.स की ख़बर पैग़म्ब-ए-इस्लाम (स अ व) को दी तो आप ने बेहद गिरया फ़रमाया। मौलाना ने कहा बड़े बदबख़्त हैं वो लोग जो गमे हुसैन अ.स की दौलत से महरूम हैं। मजलिस किसी एक मज़हब और मसलक से मख़सूस नहीं हैं बल्कि किसी भी मज़हब और मसलक का मानने वाला हुसैन अ.स की मजलिस में आ सकता हैं।

मजलिस के आख़िर में मौलाना ने सफीरे हुसैन हज़रत मुस्लिम इब्ने अक़ील अ.स के बेटों की शहादत के वाक़ये को तफ़सील के साथ बयान किया।