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वक्फ विधेयक : सुधार की खाल में सांप्रदायिकता

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) आखिरकार, 1995 के वक्फ कानून में संशोधनों के विधेयक को, फिलहाल एक संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित किसी विधेयक के लिए
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विनेश फोगट के अयोग्य ठहराए जाने से सरकार पर उठे सवाल

(आलेख : जगमती सांगवान, इंद्रजीत सिंह ; अनुवाद : संजय पराते) पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगट के असाधारण प्रदर्शन के बाद, स्वर्ण पदक कुश्ती के मुकाबले में उन्हें अयोग्य ठहराए जाने से
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कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य का जाना

(टिप्पणी : संजय पराते) मन के इतिहास का एक कोना खाली हो गया और कविता की किताब का एक पन्ना फट गया। कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य का आज सुबह इस दुनिया को अलविदा
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ख़्वाजा सैय्यद मोहम्मद यूनुस, आम और लखनऊ

डॉक्टर उमैर मंज़र बाज़ अफराद ऐसे होते हैं जो अपने कारनामों के सबब किसी शहर का चेहरा बन जाते हैं। लेकिन इस मंज़िल तक पहुँचने में एक उम्र बीत जाती है। ख़्वाजा
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क्या फांसी तक गोडसे का आरएसएस से जुड़ाव था?

(आलेख : कृष्ण प्रताप सिंह) पाठकों को याद होगा, कोई दशक भर पहले 2014 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राजेश कुंटे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस आरोप में भिवंडी
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कांवड़िये : चारा भी, शिकार भी, हथियार में बदलते औजार भी

(आलेख : बादल सरोज) दिल्ली की ओर जाती सड़कें हैरान हैं, दिल्ली से हरिद्वार के सभी राजमार्गों पर कोहराम है, रोज उनसे गुजरने वाले यात्री और उनके आसपास रहने वाले नागरिक परेशान
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अडानीपरस्ती : इतना ज्ञान कहां से लाते हो माई-बाप?

(टिप्पणी : संजय पराते) सरकार अब माई-बाप है। वह कानून बनाती है, ताकि आम जनता इसके दायरे में रहे। लेकिन इस कानून को मानना या न मानना, उसकी मर्जी! इन कानूनों में
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‘महाराज’ : अंधभक्ति, अविवेक और धर्म-सत्ता — 2

(आलेख : जवरीमल्ल पारख) महाराज : अतीत में वर्तमान ‘महाराज’ एक फ़ीचर फ़िल्म है और यह पूरा आलेख फ़िल्म के तौर पर इसकी समीक्षा कम और उन्नीसवीं सदी के भारत के एक
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‘महाराज’ : अंधभक्ति, अविवेक और धर्म-सत्ता — 1*

(आलेख : जवरीमल्ल पारख) ओटीटी प्लेटफार्म ‘नेटफ्लिक्स’ पर 21 जून 2024 को यशराज फ़िल्म्स की महाराज फ़िल्म रिलीज़ हुई है। यह फ़िल्म पहले 14 जून 2024 को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन
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एक ही सुर के गायक — हिंदू-मुस्लिम!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) कहावत है, पूत के पांव पालने में ही दीख जाते हैं। मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले करीब पचास दिनों में ही, अपने पांव बखूबी दिखा