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लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस की चुनावी रणनीति

(आलेख : राम पुनियानी) भाजपा के लिए सन 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे निराशाजनक रहे। लोकसभा में उसके सदस्यों की संख्या 303 से घट कर 240 रह गई। नतीजा यह कि
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हमारी समस्या है नागरिक आज्ञाकारिता!

(आलेख : सुभाष गाताडे) “हमारी समस्या है नागरिक आज्ञाकारिता !….” विख्यात अमेरिकी इतिहासकार, नाटककार, दार्शनिक और समाजवादी विचारक हॉवर्ड जिन (1922-2010), जिनकी लिखी किताब ‘ए पीपुल्स हिस्ट्री आफ यूनाईटेड स्टेट्स’ की लाखों
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द्रोपदी का डर और डर की द्रोपदी

(आलेख : राकेश अचल) चलिए अच्छा हुआ कि कोलकाता रेप कांड के बारे में बोलकर राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू भी उस कतार में शामिल हो गईं, जिसमें पहले विपक्ष के अध्यक्ष ओम
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यूपीएस पेंशन स्कीम: बड़े धोखे हैं इस राह में

(आलेख : रविंद्र पटवाल) अपने पोलैंड और यूक्रेन के दौरे से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक कर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत होने के बाद एक
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दिल्ली के हुक्म के खिलाफ श्रीनगर-ऊधमपुर की बगावत

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) यह नहीं भूलना चाहिए कि 2014 के चुनाव में जम्मू में अपने रिकार्ड प्रदर्शन के बावजूद, भाजपा 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर ही पहुंच पाई थी
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लेटरल एंट्री पर सरकार की ढुलमुल नीति संविधान के लिए खतरा

(आलेख : एस एन साहू, अनुवाद : संजय पराते) मोदी सरकार द्वारा यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के विज्ञापन को वापस लेना और इसे सामाजिक न्याय और आरक्षण नीति से जोड़ना, वर्ष
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पिछले दरवाजे से प्रवेश : जंग खाता आइरन फ्रेम

(आलेख : राजेन्द्र शर्मा) कहा जाता था कि भारत में ब्रिटिश हुकूमत को असली मजबूती, शीर्ष नौकरशाही के उसके ‘आइरन फ्रेम’ से मिलती थी। स्वतंत्र भारत को यह आइरन फ्रेम विरासत में
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100 ग्राम पर भारी विनेश पर उमडा प्यार

(आलेख : बादल सरोज) जिस तरह शासक वर्ग दमन और क्रूरता के अपने वर्चस्व को कायम करने के नए नए तरीके और औजार ढूंढता और आजमाता रहता है, उसी तरह अवाम भी
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उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर पर बहस

(आलेख : बी.वी.राघवुलु) हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। बहुमत के फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने
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शिक्षा संस्थानों का भ्रष्टीकरण और पाठ्यक्रमों का सांप्रदायीकरण

(आलेख : जवरीमल्ल पारख) आज जब मैं मुड़कर पांच दशक पहले के समय पर दृष्टि डालता हूं, तो इस बात को पहचानने में कोई गलती नहीं होती कि 1970 के आसपास के