टीम इंस्टेंटख़बर
तालेबान ने कहा है कि वह सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहते परंतु वह इस बात पर आग्रह करते हैं कि जब तक काबुल में नई सरकार का गठन न हो और राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी का पद खत्म न हो तब तक अफगानिस्तान में शांति स्थापित नहीं हो सकती।

तालेबान गुट के प्रवक्ता सुहैल शाहिन ने एक साक्षात्कार में तालेबान के दृष्टिकोण को बयान किया कि देश में आगे क्या हो सकता है। सुहैल शाहिन ने कहा कि जब अशरफ ग़नी की सरकार खत्म होगी और दोनों पक्षों के बीच स्वीकार्य बातचीत के बाद नई सरकार गठित हो जायेगी तो वह अपने हथियार डाल देंगे।

उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार पर विश्वास नहीं रखते हैं क्योंकि अतीत में अफगानिस्तान में एकाधिकार और मनमानी करने वाली सरकारें सफल नहीं रही हैं अतः हम इस बात को दोहराना नहीं चाहते हैं।

तालेबान गुट के प्रवक्ता ने वार्ता को एक अच्छा आरंभ बताया और कहा कि सरकारें बार- बार युद्धविराम का आह्वान करती हैं जबकि अशरफ ग़नी का सत्ता में बने रहना तालेबाना के हथियार रखने में बाधा है।

उन्होंने कहा कि किसी भी युद्ध विराम से पहले एक नई सरकार के लिए गठन के लिए समझौता होना चाहिये जो हमें और दूसरे अफग़ानों को स्वीकार्य हो उसके बाद युद्ध नहीं होगा।