टीम इंस्टेंटख़बर
पेगासस स्पाइवेयर मामला (Pegasus Spyware Scandle) आज सोशल मीडिया से संसद तक छाया रहा. इस विवाद पर जहाँ विपक्ष केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर रहा वहीँ सरकार और भाजपा ने इसे देश के लोकतंत्र को तोड़ने की साज़िश बताया। कांग्रेस ने तो इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का इस्तीफ़ा भी मांग लिया और पीएम मोदी को भी कटघरे में खड़ा किया।

दिनभर के हंगामे के बाद शाम को पेगासस विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमित शाह ने ट्वीट कर इस विवाद पर क्रोनोलॉजी समझाई। अमित शाह ने कहा कि ”विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी. मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा.” उन्होंने कहा, इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं- इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान…आप क्रोनोलोजी समझिये!

बता दें कि पेगासस स्पाइवेयर मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) , चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) और दो मंत्रियों को भी कथ‍ित तौर पर निशाना बनाया गया है. इन मंत्रियों में अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल का नाम सामने आया है. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा में 300 भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिनमें 40 मोबाइल नंबर भारतीय पत्रकारों के हैं. इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेता, मोदी सरकार में दो केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा- पूर्व प्रमुख और अधिकारी, बिजनेमैन शामिल हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था.