कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने की कवायद में अब तक इस रेस में सबसे आगे मानी जा रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका कंपनी पिछड़ गई है। अमेरिकी कंपनी Pfizer-बायोएनटेक साझा तौर पर अब वैक्सीन बनाने की दौड़ में सबसे आगे मानी जा रही है । माना जा रहा है कि यह दोनों कंपनियां अक्टूबर तक वैक्सीन के प्रभावों का पता लगा लेंगी। इसके बाद अगर इसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाती, तो Pfizer की कोरोना वैक्सीन नवंबर या दिसंबर तक अमेरिका के बाजारों में उतर सकती है।

मॉडर्ना दूसरे नंबर पर
कोरोना वैक्सीन की रेस में अब दूसरे नंबर पर भी अमेरिकी कंपनी ही है। मॉडर्ना इस वक्त अपनी संभावित वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में जुटी है। कंपनी को इसके प्रभाव के बारे में दिसंबर तक पता चलने की उम्मीद है। आपात मंजूरी के बाद यह वैक्सीन दिसंबर के अंत या जनवरी 2021 की शुरुआत तक मार्केट में आ सकती है।

दौड़ में एस्ट्रा जेनेका पिछड़ी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका की संभावित वैक्सीन बाजार में आने में कुछ देरी लग सकती है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ब्रिटेन में वैक्सीन लेने वाले एक व्यक्ति में कुछ बीमारी के लक्षण देखे गए थे, जिसके चलते ट्रायल्स को रोक दिया गया था। अब तक यह तो नहीं सिद्ध हुआ है कि वह लक्षण वैक्सीन की वजह से हुए थे या नहीं, पर इंग्लैंड और भारत में वैक्सीन के ट्रायल्स को जारी रखने की मंजूरी दे दी गई। माना जा रहा है कि इसी देरी की वजह से कोरोना वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में ही बाजार में उतरेगी।