नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि किसानों को जड़ से साफ करके कुछ पूंजीपतियों का विकास करने का प्रयास हो रहा है।


उन्होंने ट्वीट किया कि 2014 में मोदी जी का चुनावी वादा किसानों को स्वामीनाथन आयोग वाला एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिलाने का था। 2015 में मोदी सरकार ने अदालत में कहा कि उनसे ये न हो पाएगा। 2020 में ‘काले क़ानून’ लाए गए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ मोदी जी की नीयत ‘साफ़’, कृषि-विरोधी नया प्रयास, किसानों को करके जड़ से साफ़, पूंजीपति ‘मित्रों’ का ख़ूब विकास।”


वहीँ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार ने कृषि विधेयकों का बचाव करते हुए विज्ञापन जारी किया है। विज्ञापन में एक पंक्ति कहती है कि ‘वन नेशन वन मार्केट’ किसानों को आजादी देगा।” उन्होंने कहा, ‘‘छोटे किसान लगभग 85 प्रतिशत हैं, जिनके पास बेचने के लिए बहुत कम सरप्लस बचता है। अगर उन्हें धान या गेहूं की कुछ मात्रा बेचनी पड़े तो उन्हें पूरे देश में हजारों बाजार की जरूरत है, एकल बाजार की नहीं। बड़े गांवों और छोटे शहरों में किसानों के हजारों बाजार बनाने के लिए विधेयक में क्या प्रावधान है? हजारों बाजार किसानों को आजादी देंगे।” चिदंबरम ने सवाल किया, ‘‘यदि सरकार की मंशा एमएसपी की गारंटी देने की है, तो उस विधेयक में ऐसा कोई खंड क्यों नहीं है,जो यह बताए कि उपज का मूल्य एमएसपी से कम नहीं होगा?”