टीम इंस्टेंटखबर
कोरोना वायरस महामारी के दौरान रोजाना आने वाले मामले घटे हैं, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. इस बीच, आईसीएमआर का एक चौंकाने वाला अध्‍ययन सामने आया है. एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की वैक्‍सीन लगवाने के बावजूद जो लोग संक्रमित हुए थे, उनमें से अधिकांश लोग कोविड के डेल्‍टा वेरिएंट से संक्रमित थे.

हालांकि, इस अध्‍ययन में यह भी कहा गया है कि टीका लगवा चुके लोगों में मृत्‍युदर काफी कम थी. लगभग 677 लोगों पर यह अध्‍ययन किया गया था. वैक्‍सीन लगवा चुके इन 677 लोगों में से 71 लोगों ने कोवैक्सिन टीका लिया था जबकि बाकी 604 को कोविशील्ड वैक्सीन मिला था. प्रतिभागियों में से दो ने चीनी सिनोफार्म वैक्सीन भी ली थी. इनमें से तीन लोगों की मौत भी हो गई थी. आईसीएमआर का अध्‍ययन ऐसे लोगों पर आधारित है, जिन्‍होंने टीके की एक या दो खुराक ली थी.

अध्‍ययन के अनुसार, कुल पॉजिटिव हुए लोगों में 86.09% डेल्टा वेरिएंट के बी.1.617.2 से संक्रमित थे. संक्रमित हुए लोगों में 9.8% को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता थी, जबकि मात्र 0.4% मामलों में मौत देखी गई. इस अध्‍ययन के माध्‍यम से यह सुझाव दिया गया है कि कोरोना टीकाकरण जरूरी है. ऐसे मामलों में मौत की संभावना कम रहती है और ज्‍यादातर लोगों को अस्‍पताल में भर्ती होने की भी आवश्‍यकता नहीं पड़ती.