टीम इंस्टेंटखबर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद नोएडा में दो 40 मंजिला टावरों को गिराया जाना तय हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस डेमोलिशन के लिए तीन महीने का समय दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लगभग 1000 फ्लैट वाले दो टावरों के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया था। अब सुपरटेक को अपनी लागत पर तीन महीने के भीतर इन टावरों को तोड़ना पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सुपरटेक सभी घर खरीदारों को मुआवजा देगा और आरडब्ल्यूए को 2 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण और रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक की मिलीभगत के चलते एक प्रोजेक्ट पर दो टावर बनाने की इजाजत दी गई.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विकासकर्ताओं और शहरी नियोजन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण शहरी क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माण की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और इसे सख्ती से खत्म किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा Emarald Court सोसाइटी में दो टावर नियम का उलंघन करके बनाए गए. इन टावर में 950 फ्लैट है. 42 माले का टॉवर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जब नक्शा पास हुआ था तब ये दोनो टावर अप्रूव नहीं हुए थे. बाद में नियम का उल्लंघन करके ये टॉवर बनाए गए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों टावर को सुपरटेक अपने पैसे से तीन माह में गिराएगा. सुपरटैक सोसाइटी के आरडब्ल्यूए को दो करोड़ रुपया हर्जाना देगा. फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज समेत पैसा देना होगा. फ्लैट मालिकों को दो महीने में सुपरटेक पैसा ब्याज के साथ वापस करेगा.

फैसला जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह बेंच पर जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने दिया है.