टीम इंस्टेंटखबर
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस बात पर पछतावे का इज़हार किया ही कि उनकी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में 2018 में हुए पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया.

एक कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला ने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर में जल्द एक सरकार बनेगी, जिसमें अधिकारी, जनता के प्रति जवाबदेह होंगे. फारूक अब्दुल्ला के संबोधन के समय मंच पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे.

मनोज सिन्हा से पंचायत नेताओं को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करते हुए फ़ारूख़ अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘देश के साथ खड़े राजनेता, आतंकवादियों के निशाने पर हैं और उनकी रक्षा करना देश का कर्तव्य है.’

अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘वे फोन नहीं उठाते जैसे उनके ऊपर कोई भूत मंडरा रहा हो.’ उन्होंने मनोज सिन्हा से अनुरोध किया कि वे अधिकारियों को लोगों के फोन कॉल का जवाब देने का आदेश दें.

इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद जल्द समाप्त होने की उम्मीद जताई थी. अब्दुल्ला ने शुक्रवार को गांदेरबल जिले के पर्यटक स्थल सोनमर्ग में ‘सुरक्षा और ऊर्जा’ पर दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन के दौरान कहा था, ‘आतंकवाद जल्द खत्म हो जाएगा. हमें बचे रहना है और देश को बचाए रखना है.’