नई दिल्ली। घुसपैठ की बढ़ती घटना और सीमा पर हो रहे हमले से निपटने के लिए भारत ने कड़े कदम उठाते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़े करने के नियम बना रही है। इसके तहत भारतीय सेना हमलों के तुरंत जवाब देने के लिए अपनी रणनीति में फेरबदल कर उसे और धारदार बनाने में जुटी है। मिल रही जानकारी के मुताबिक सेना थार के रेगिस्तान में कड़ा अभ्यास करने जा रही है।

सेना के इस अभ्यास को ‘शत्रुजीत’ नाम दिया गया है जिसमें मथुरा की 1 कोर के जवान हिस्सा लेंगे। रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस अभ्यास के जरिए न्यूक्लियर, जैविक और रसायनिक युद्धक्षेत्र जैसे माहौल का निर्माण किया गया है जिससे भारतीय सेना ऐसे हर हालात के लिए हमेशा तैयार रहे।

सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों का बचकाना इस्तेमाल कर सकता है लेकिन भारत की नीति स्पष्ट है। हम परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे। थल सेना अध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग इस अभियान का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान सेना के साथ एयरफोर्स भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रही है।