नई दिल्ली। पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज के एक बयान से कांग्रेस मुसीबत में पड़ गयी है। यूपीए शासन में कानून मंत्री रहे भारद्वाज ने कहा है कि 2007 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व यूपी की मुलायम सिंह यादव सरकार को बर्खास्त करना चाहता था लेकिन वह खुद भारद्वाज थे, जो इसके लिए तैयार नहीं हुए।

अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में भारद्वाज ने कहा कि कुछ मामलों में वह कांग्रेस लाइन पर नहीं चले। खासतौर से यूपी और 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन पर। भारद्वाज यूपीए-2 में मंत्री नहीं बनाया गया था। उन्हें मंत्री न बनाकर कर्नाटक के राज्यपाल पद पर नियुक्त कर दिया गया था।

नेहरू-गांधी परिवार के पुराने वफादार रहे भारद्वाज आजकल कांग्रेस द्वारा खुद को साइडलाइन किए जाने से निराश हैं। कर्नाटक से वापस दिल्ली आने पर पार्टी ने उन्हें अहम जिम्मेदारी भी नहीं दी। अब वह खुद को कांग्रेसी मानते भी नहीं है। हंसराज भारद्वाज ने बताया कि कांग्रेस कोर कमिटी में राज्यपाल ही ब्रीफ करते थे। राज्यपाल ने मुझे बुलाया और पूछा कि क्या मुलायम सिंह की सरकार को गिरा दिया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाकर फिर चुनाव कराया जाए? पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि खासकर कांग्रेस अध्यक्ष के यह विचार थे। वह सोचती थीं कि यूपी में भ्रष्टाचार बहुत है और सरकार गिराकर फिर चुनाव कराया जाए। लेकिन एक दिन पहले ही एसपी सरकार ने अपना बहुमत सिद्ध किया था और यह कार्रवाई कानून विरोधी हो सकती थी इसलिए मैंने उनको सही राय दी।

अरुणाचल मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवालों को लेकर पूछे गए प्रश्न पर भारद्वाज ने कहा कि अरुणाचल में मैं सबको जानता हूं। नबाम तुकी के विधायक ही उनको अल्पमत में लेकर आए हैं। इसमें किसी को कहां दिक्कत है? उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी वही हुआ, कांग्रेस के लोग खुद उनके साथ नहीं रहे।

राहुल के नेतृत्व पर भी भारद्वाज ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि राहुल बेहतर नेता हैं। उनको अभी संसद में सीखना चाहिए। लेकिन वो राजीव का बेटा है, आखिर मुझसे प्यारा किसे हो सकता है। भारद्वाज ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी आदमी अभी कांग्रेस में काम नहीं कर सकता। मैं इंदिरा गांधी की एलॉट की गई सीट से संसद गया। मैं उनके वफादार लोगों में था। बाद में गलत लोगों के हाथ में कांग्रेस चली गई और फिर बर्बाद हो गई।

प्रियंका गांधी पर भारद्वाज ने कहा कि उनमें ऐसे बहुत से गुण हैं जो इंदिरा और राजीव में थे। उसको उसके परिवार ने ही बर्बाद किया। प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए भारद्वाज ने कहा कि वाड्रा ने कौन सा डाका डाला है? गुड़गांव में बहुत उद्योग लगे पर क्या सब बाड्रा ने ही ले लिया?

कांग्रेस में बहुत सारे लोग हैं जिनकी रोजी रोटी प्रियंका को रोकने और वाड्रा को बदनाम करने से चलती है। वाड्रा सही बोल रहे हैं और मैं जान रहा हूं कि उसने कभी प्रियंका का यूज नहीं किया। पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि मैं बहुत पहले से कह रहा हूं कि प्रियंका के नाम पर वोट मिल सकता है और अमेठी वगैरह से वो ही जिताकर लाती थी। राहुल ने अभी नहीं सीखा है, उसको और सीखना है।

पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी को मुसीबत में डाल चुके हैं। जनवरी 2016 में एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए भारद्वाज ने कहा था कि 2005 में बिहार में राष्ट्रपति शासन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार के हक में लाने का उनपर बड़ा दबाव था।