चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध कड़े पर नुकसान की दी घुड़की 

बीजिंग। चीन के आधिकारिक मीडिया ने आज भारत को आगाह किया कि अगर वह संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित कराने में बीजिंग द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बदले अपने देश में चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध को कड़ा करने के कथित कदम पर आगे बढ़ता है तो उसे ‘फायदे से ज्यादा नुकसान’ होगा।

सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया, ‘अगर भारत चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध कड़े करता है, अगर वह चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी को खत्म करता है तो इससे भारत को फायदे से अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा।’ यह लेख भारत में आधिकारिक सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रयासों में चीन द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठान का मत है कि चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी की समीक्षा की जानी चाहिए।

शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस से जुड़े शोध सदस्य हू झियोंग ने कहा कि चीनी कंपनियां संभावित सुरक्षा मंजूरी समीक्षा के चलते भारत में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में दो बार सोचने को मजबूर होंगी। इस तरह, भारत का विकास, जो इसके आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए चीन पर निर्भर है, बाधित होगा।