मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अच्छी और प्रभावी कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। गरीबों और गांवों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का तेजी से समाधान आवश्यक है, क्योंकि वे बड़ी आशा से पुलिस के पास अपनी समस्याएं लेकर जाते हैं, कि उन्हें न्याय मिलेगा। 

मुख्यमंत्री आज यहां ‘पुलिस सप्ताह-2016’ के दौरान विधान सभा स्थित तिलक हाॅल में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश पुलिस के समस्त अराजपत्रित कर्मियों (निरीक्षक, उप निरीक्षक, हेड काॅन्सटेबिल, काॅन्सटेबिल एवं समतुल्य पद तथा अन्य समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मियों) को देय वर्दी भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने बैरक में रहने वाले पुलिस/पी0ए0सी0 कर्मियों को देय पारिवारिक आवासीय भत्ते (फैमली एकोमोडेशन एलाउन्स) में 25 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा भी की। उन्होंने गृृह विभाग की नवीनीकृत तथा अपडेटेड वेबसाइट www.uphome.gov.in को भी रीलाॅन्च किया। 

श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और अपराध नियंत्रण एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का सामना पुलिस के साहस और कर्तव्य परायणता के माध्यम से किया जा सकता है। पुलिस कर्मियों को अपनी विश्वस्नीयता में भी सुधार लाना पड़ेगा। उन्होंने छवि को बदलने के लिए पुलिस कर्मियों को अपनी कार्यषैली में और सुधार की आवष्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि थाने पर आने वाले लोगों की एफ0आई0आर0 तुरन्त दर्ज की जाए, क्योंकि ऐसा न करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है और उसकी छवि खराब होती है। 

श्री यादव ने हाल ही में शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए पंचायत चुनावों और विभिन्न त्यौहारों के दौरान अमन-चैन कायम रखने के लिए पुलिस को बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कानून-व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाए रखने की दिशा में पुलिस आगे भी गम्भीर प्रयास करती रहेगी। उन्होंने स्नैपडील की कार्मिक तथा आगरा में अपहृत बच्चे को शीघ्र छुड़ाने, लखनऊ में व्यापारी की हत्या के केस का जल्द खुलासा करने पर पुलिस की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तेजी से कदम उठाना पुलिस के बहुत काम आया और अपराधी पकड़े गए। 

मुुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। माॅडर्न कंट्रोल रूमों की स्थापना की जा चुकी है। राजधानी लखनऊ में कैमरों के माध्यम से इलेक्ट्राॅनिक सर्विलांस भी की जा रही है। पिछले 04 साल के दौरान राज्य सरकार ने पुलिस बल को सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से मानव संसाधन, भवन, बैरक, वाहन तथा आधुनिक शस्त्र आदि उपलब्ध कराने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। इसके चलते पुलिस की कार्य करने की परिस्थितियां बेहतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में अभी भी काम कर रही है। 

श्री यादव ने कहा कि पुलिस के मनोबल को बढ़ाने की दृष्टि से हर स्तर पर बड़े पैमाने पर पदोन्नतियां की गई हैं, जिसका लाभ सभी संवर्गाें को मिला है। पुलिस कर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में भर्ती की जा रही है। अब तक 38 हजार आरक्षियों की भर्ती की जा चुकी है। इसके अलावा 3,784 उपनिरीक्षकों की भी भर्ती की जा चुकी है। यही नहीं 28 हजार आरक्षियों और 2 हजार से ऊपर उपनिरीक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल को अच्छी अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। ऐसे में अब पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे जनता के साथ अपना व्यवहार ठीक रखते हुए उनकी समस्याओं का प्रभावी निस्तारण करें। 

डायल ‘100’ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेवा के माध्यम से पुलिस के रिस्पांस टाइम को कम करने के लिए विभाग को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। इस सेवा को साकार करने के लिए दुनिया के विकसित देशों के अनुभव के आधार पर प्रदेश स्तरीय डायल ‘100’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। इस परियोजना के लिए आवश्यक भवन का शिलान्यास पिछले साल दिसम्बर में किया जा चुका है। यह सेन्टर शीघ्र ही प्रदेश के किसी भी कोने में रहने वाले नागरिक को बेहतरीन आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने लगेगा। इस परियोजना के जरिए पूरे प्रदेश में तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाने के लिए राज्य सरकार विभाग को संसाधन उपलब्ध करा रही है। इसके तहत 3200 चार पहिया और 1600 दो पहिया वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। ये सभी वाहन अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगे। 

अपराधों की विवेचना एवं अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए आवश्यक फाॅरेंसिक लैबों की स्थापना हर रेंज में की जा रही है। साथ ही, प्रत्येक जिले को फाॅरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध कराने की कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने वीमेन पावर लाइन ‘1090’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सेवा का भरपूर लाभ महिलाओं को मिला है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रशंसा की।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुधारने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। अच्छी कानून-व्यवस्था के बगैर प्रदेश का विकास सम्भव नहीं है। पुलिस विभाग ने कई अच्छे काम किए हैं और पिछले वर्षाें के दौरान साम्प्रदायिकता पर लगाम लगी है। उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि आम आदमी की एफ0आई0आर0 तुरन्त दर्ज की जानी चाहिए, क्योंकि इसका सीधा सम्बन्ध जनता की निगाह में पुलिस की छवि से है। उन्होंने पैदल गश्त तथा बेसिक पेट्रोलिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि असामाजिक एवं अवांछित तत्वों की लगातार निगरानी की जाए और उन्हें माहौल बिगाड़ने का कतई मौका न दिया जाए। जमीन विवाद से सम्बन्धित मसलों को भी गम्भीरता से लिए जाने पर उन्होंने बल दिया। 

इस मौके पर प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा ने पुलिस विभाग के विभिन्न क्रिया-कलापों तथा आधुनिकीकरण पर केन्द्रित एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की कानून-व्यवस्था के प्रति अत्यन्त गम्भीर है। इसका अंदाजा सरकार द्वारा पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में उठाए जा रहे बड़े कदमों से लगाया जा सकता है।  

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश का पुलिसतंत्र राज्य मंे अच्छी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इससे पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ा है। पुलिस सप्ताह के दौरान नगरीय पुलिस की चुनौतियों, सोशल मीडिया की चुनौतियों के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न जनपदों से आये वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश की पुलिस कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखेगी।

इससे पूर्व, कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत मुख्य सचिव आलोक रंजन, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा तथा पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने बुके भंेट कर किया। मुख्यमंत्री को पुलिस विभाग की ओर से पुलिस महानिदेशक द्वारा एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।