राज्यपाल ने पुलिस परेड की सलामी ली

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज पुलिस वीक के अवसर पर पुलिस लाइन लखनऊ में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण किया तथा सलामी ली। राज्यपाल ने इस अवसर पर विशिष्ट सेवाओं के लिये सुतापा सान्याल, चन्द्रप्रकाश, दलजीत सिंह चौधरी, सुभाष चन्द्र, एम0डी0 कर्णधार, सैय्यद वसीम अहमद सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं डाॅ0 जी0के0 गोस्वामी, विजय भूषण, अशोक कुमार, सुनील त्यागी, महेन्द्र प्रताप सिंह व अन्य को वीरता के लिये पुलिस पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पाण्डा, पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे। परेड का नेतृत्व लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश पाण्डेय ने किया। परेड में कमाण्डो, पी0ए0सी0, महिला पुलिस, सिविल पुलिस, यातायात पुलिस के दल सम्मिलित थे। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि पुलिस सप्ताह का आयोजन 3 दिन के स्थान पर 7 दिन किया जाए तो ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मी लाभांवित होंगे। 

राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शांति-व्यवस्था बनाये रखना, आम आदमी को सुरक्षा प्रदान करना तथा दुष्टों पर कड़ी कारवाई करना पुलिस का पहला कर्तव्य है। पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य से समाज को आश्वस्त करें। महिलाओं को सुरक्षा का भाव देना पुलिस का लक्ष्य होना चाहिए। पुलिस थाने में परेशानी के समय जाने वाले नागरिकों की पीड़ा समझकर दूर करने का दायित्व पुलिस का है। जिस कार्य का दृढ़ संकल्प लेकर सेवा में आये हैं, उसके प्रति अपनी निष्ठा बनाये रखें। रैतिक परेड जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर नये सिरे से संकल्प की जरूरत है। उन्होंने कहा कि परेड से प्रेरणा लेकर प्रदेश में शांति के वातावरण का निर्माण करें। 

श्री नाईक ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस का एक आदर्श वाक्य होना चाहिये, जिससे पुलिस कर्मी प्रेरणा लेकर सुरूचिपूर्ण तरीके से काम करें। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस का आदर्श वाक्य ‘सदरक्षणाय खलनिग्रहणाय’ है इसका मतलब है कि अच्छो की रक्षा करना और अपराधियोें को दण्डित करना। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस कर्मी को प्रेरणा मिलेगी और जनता के बीच अच्छा संदेश भी जायेगा। 

राज्यपाल ने प्रदेश में पुलिस द्वारा आधुनिक शस्त्रों एवं वाहनों के प्रयोग की प्रशंसा की। पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरस्त रखने के लिये तथा आतंकवाद, डकैती, लूट, हिंसा आदि का सामना करने के लिये आधुनिक हथियार व उपकरण होने की जरूरत है। आधुनिकता के आधार पर पुलिसिंग होनी चाहिए। मामलों की तफ्तीश व साईबर अपराध जैसे मामलों में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होना चाहिये। इसके लिये अधिकारी से लेकर आरक्षी स्तर के कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाये। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास वाहन और हथियार आधुनिक होने से कार्य में कुशलता आयेगी।

श्री नाईक ने कहा कि पुलिसकर्मी मानसिक दवाब में काम करते हैं। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए योग एवं व्यायाम पर ध्यान देने की जरूरत है। योग और व्यायाम से मन को शांति मिलती है। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलता इस बात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस ओर अवश्य ध्यान देगी। साप्ताहिक अवकाश के संबंध में कोई निर्णय होगा तो निश्चित रूप से पुलिस की कार्यक्षमता बढे़गी। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश है जिसके कारण पुलिस का कार्य काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मीडिया के लोग पुलिस के अच्छे कार्य को भी समाज के सामने लायें।

राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेश की सेवा में अपना बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों को नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस का काम जोखिमभरा होता है। पुलिसकर्मियों में विश्वास पैदा करने की जरूरत है कि अपने दायित्व को पूरा करते हुए शहीद होने पर सरकार उनके परिवार का ध्यान रखेगी तो कर्तव्य में निखार आता है। समाज का दायित्व है कि पराक्रम करते हुए शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार की सहायता हेतु केवल सरकार ही नहीं बल्कि समाज को भी आगे आना होना। इसी दृष्टि से पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए उन्होंने कारगिल शहीदों के परिजनों को सरकारी खर्चें पर पेट्रोल पम्प व गैस एजेन्सी वितरित की थी। शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश की सरकार और जनता उनके प्रति संवेदनशील है।