NDRF और सेना कर रही है भरपूर मदद 

कोलकाता: कोलकाता में गुरुवार को गिरे फ्लाईओवर के मलबे को हटाने का काम जारी है। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। मलबा हटाने के काम में NDRF और सेना की भी मदद ली जा रही है। बड़े औजारों के जरिए लौहे और कंक्रीट को कटा जा रहा है और इसके नीचे दबी गाड़ियों को निकाला जा रहा है।

वहीं सेना के अधिकारियों ने आज कहा कि उन्हें यहां फ्लाईओवर गिरने की जगह पर मलबे में कोई और शव मिलने की उम्मीद नहीं है। सेना निकाय अधिकारियों और एनडीआरएफ की टीमों के साथ राहत अभियान में लगी है।

सैन्य अधिकारियों ने कहा, अब अभियान का लक्ष्य मलबे को हटाना और सड़क को साफ करना है ताकि स्थिति सामान्य की जा सके। अब कोई और शव मिलने की उम्मीद नहीं है। प्रभावित इलाके से मलबे को हटाने के लिए सिविल डिफेंस, पुलिस और एनडीआरएफ के साथ सेना की बचाव टीमों ने पूरी रात अभियान चलाया ।

बंगाल क्षेत्र के जनरल ऑफिसर इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल राजीव तिवारी सेना की टीमों की प्रगति पर नजर रखे हुए हैं। उत्तरी कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने वाली जगह पर चिकित्सा टीमों, सर्जनों और इंजीनियरों सहित सेना के लगभग 300 जवान मौजूद हैं।

अपना चुनावी दौरा बीच में ही खत्म कर घटनास्थल का दौरा करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है और हमें राहत एवं बचाव कार्य पर ध्यान देना चाहिए। घटनास्थल का दौरा करने वाले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है ।

मुख्य सचिव वासुदेव बनर्जी ने कहा कि हादसे की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं इस बीच, फ्लाई-ओवर बनाने वाली कंपनी ने इस हादसे को ‘भगवान की करनी’ करार दिया, जिसके लिए उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कोलकाता पुलिस आज IVRCL कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ करने हैदराबाद पहुंची।

हैदराबाद की आईवीआरसीएल कंस्ट्रक्शन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी पांडुरंग राव ने दावा किया था कि यह और कुछ नहीं बल्कि भगवान की करनी है। पुलिस ने आईवीआरसीएल के स्थानीय दफ्तर को सील कर दिया है और कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308 और 407 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।