लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में कई  महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महत्वपूर्ण निर्णयों में आपातकाल के दौरान मीसा में निरुद्ध रहे राजनीतिक बंदियों की सम्मान राशि (पेंशन) मे डेढ़ गुना वृद्धि  है। अप्रैल 2015 में सेनानियों के लिए दस हजार रुपये की सम्मान राशि निर्धारित की गयी थी जिसे अब 15 हजार रुपये किये जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।  राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी ने बताया कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक मीसा या डीआइआर में निरुद्ध रहे राजनैतिक बंदी लोकतंत्र सेनानियों को पहले पांच हजार रुपये पेंशन दी जाती थी। अप्रैल 2015 में यह धनराशि दस हजार रुपये कर दी गयी। तब शासन ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 64 करोड़ 31 लाख 52 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की। 2017 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार एक बार फिर लोकतंत्र सेनानियों पर मेहरबान हुई है। अब यह सम्मान राशि 15 हजार रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है। यह वृद्धि शासनादेश जारी होने अथवा एक अप्रैल 2016 जो भी बाद में होगा से प्रभावी होगी। शुरुआती दौर में मीसा और डीआइआर बंदियों को सम्मान राशि और बसों में नि:शुल्क यात्रा की घोषणा करके सपा सरकार ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं।

राजकीय महाविद्यालयों के संविदा प्रवक्ताओं को पक्की नौकरी

शिक्षामित्रों और सहायताप्राप्त कॉलेजों के संविदा शिक्षकों के बाद अखिलेश सरकार ने अब राजकीय महाविद्यालयों में संविदा पर तैनात प्रवक्ताओं को पक्की नौकरी देने का फैसला किया है। राजकीय महाविद्यालयों में संविदा पर तैनात शिक्षकों को विनियमित करने के लिए बुधवार को कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालयों में संविदा पर कार्यरत प्रवक्ता (विनियमितीकरण) नियमावली, 2016 को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले का लाभ राजकीय महाविद्यालयों में संविदा पर नियुक्त लगभग 300 शिक्षकों को मिलेगा। 

इस नियमावली में राजकीय महाविद्यालयों में एक फरवरी 2005 से लेकर 2008 तक संविदा पर नियुक्त किये गए ऐसे प्रवक्ताओं को विनियमित करने का प्रावधान है जिन्होंने पांच साल की निरंतर सेवा पूरी कर ली हो। यह संविदा प्रवक्ता नियमित प्रवक्ताओं की शैक्षिक योग्यता रखते हैं और उनकी नियुक्ति नियमित रिक्त पदों के सापेक्ष की गई थी। नियमावली के तहत प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में विनियमितीकरण समिति गठित की जाएगी। यह समिति संविदा शिक्षकों के विनियमितीकरण के प्रस्तावों का परीक्षण करने के बाद उन्हें विनियमित करने की सिफारिश करेगी। समिति की सिफारिश पर राज्य सरकार संविदा शिक्षकों के विनियमितीकरण का आदेश जारी करेगी। विनियमितीकरण की तारीख से शिक्षकों को वेतनमान और ज्येष्ठता का लाभ मिलेगा। पक्की नौकरी मिलने पर उन्हें वार्षिक वेतनवृद्धि, सुनिश्चित करियर प्रोन्नयन (एसीपी) और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आदि का लाभ मिलेगा।

29 संस्कृत विद्यालय अनुदान सूची में शामिल 

कैबिनेट ने प्रदेश के 29 अशासकीय स्थायी मान्यताप्राप्त संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला किया है। यह निर्णय शासनादेश जारी होने की तारीख से प्रभावी होगा। इस प्रकरण में भविष्य में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। इस फैसले के कारण राज्य सरकार पर सालाना 5.17 करोड़ रुपये का आवर्ती खर्च आएगा। इसमें शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दिया जाने वाला आवास भत्ता व नगर प्रतिपूर्ति भत्ते का आकलन शामिल नहीं है क्योंकि यह लाभ शहरों की  वर्गीकृत श्रेणी के मुताबिक दिया जाएगा। अखिलेश सरकार पिछले साल अगस्त में 77 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों/महाविद्यालयों को अनुदान सूची में शामिल कर चुकी है। 

बिजनौर और कन्नौज में इंटर कॉलेज

बिजनौर के धामपुर इलाके में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की स्थापना के लिए गांव फतेहउल्लाहपुर खास के पुराने तहसील भवन की 4050 वर्ग मीटर भूमि माध्यमिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय बुधवार को कैबिनेट ने किया है। यह जमीन 90 साल के पट्टे पर निश्शुल्क दी गई है जिसका हर 30 वर्ष पर नवीनीकरण होगा। कन्नौज की छिबरामऊ तहसील में राजकीय इंटर कॉलेज के निर्माण के लिए पुराने तहसील भवन की अतिरिक्त भूमि को माध्यमिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का फैसला भी कैबिनेट ने किया है।

आगरा में पॉलीटेक्निक को मिली जमीन

आगरा की फतेहाबाद तहसील के कौलारा कलां गांव में राजकीय पॉलीटेक्निक की स्थापना के लिए  2.0050 हेक्टेयर भूमि प्राविधिक शिक्षा विभाग को निश्शुल्क हस्तांतरित करने का निर्णय भी कैबिनेट ने किया है। मुख्यमंत्री ने आगरा के शमसाबाद में पॉलीटेक्निक की स्थापना की घोषणा की थी जिसके क्रम में यह निर्णय किया गया है।

गाजीपुर में सुगम यातायात

राज्य मार्ग संख्या 99 के अंतर्गत गाजीपुर में ताड़ीघाट बारा कुम्हार, चौसा मार्ग में वाहन चलाने की गुणवत्ता में सुधार को मंजूरी दी गयी। इस पर 228.75 करोड़ रुपये खर्च आएगा। गाजीपुर-जमानिया-सैयदराजा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 के छह किलोमीटर से प्रारंभ होकर बिहार के बक्सर जिले को जोडऩे वाला यह मार्ग 39.6 किलोमीटर लंबा महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय राजमार्ग है। इसमें से 1.4 किलोमीटर ताड़ी घाट रेलवे स्टेशन तक जाती है। गंगा अप्रोच रोड की अतिरिक्त लंबाई 400 मीटर है। परियोजना में 38.6 किलोमीटर लंबाई शामिल की गयी है। उजियार एवं बक्सर के मध्य वीर कुंवर सिंह गंगा पुल के क्षतिग्र्रस्त होने के कारण भारी वाहनों का आवागमन बंद है। इस कारण बिहार से कोर्स सैंड, झारखंड से कोयला, स्टील, सीमेंट आदि मंगाने के लिए राज्यमार्ग संख्या 99 की गुणवत्ता में सुधार जरूरी बताया गया।

गोंडा में चार लेन

मंत्रिमंडल ने गोंडा में फरेंदा जरवल राज्य मार्ग के 46.4 किलोमीटर हिस्से को चार लेन करने का फैसला किया है। इसमें यात्री मानक में शिथिलीकरण जरूरी बताया गया। यह मार्ग फरेंदा से निकलकर सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोंडा होते हुए जरवल रोड पर मिलता है। देवीपाटन मंडल का मुख्यालय गोंडा होने के अलावा इस क्षेत्र में कई पर्यटन एवं धार्मिक स्थल भी हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आवागमन होता रहता है। लखनऊ से गोंडा जाने के लिए यह सबसे कम दूरी का मार्ग है। इस परियोजना पर 385 करोड़ रुपये खर्च को मंजूरी दी गयी।

बिजनौर में सुदृढ़ीकरण

मंत्रिपरिषद ने बिजनौर में मंडावर-दयालवाला-बालावाली मार्ग पर 20.58 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण की अनुमति दे दी। यहां बालावाली के पास गंगा नदी पर पुल बनाया जा रहा है। पुल बनने के बाद जगादारी से पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड के लिए सीधा मार्ग उपलब्ध हो जाएगा, जो अभी हरिद्वार होकर जाता है। इससे लगभग 50 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी। इसके लिए यात्री मानक में शिथिलता को मंजूरी दी गयी।

आजमगढ़ में चौड़ीकरण

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित जनपद आजमगढ़ रेलवे स्टेशन से हरिवंशपुर, सिविल लाइन, मुकेरीगंज, हर्रा की चुंगी होते हुए बाईपास तक डिवाइडर सहित मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की अनुमति प्रदान कर दी है। राष्ट्रीय मार्ग पर राज्य सरकार से निर्माण के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी होने के कारण यह प्रस्ताव बैठक में लाया गया था।

गोरखपुर-महाराजगंज में चार लेन

मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर-महराजगंज-निचलौल मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-81) के गोरखपुर के 19.4 किलोमीटर हिस्से और महाराजगंज के 11.95 किलोमीटर हिस्से को चार लेन निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी है। इस पर 302 करोड़ रुपये खर्च आएगा।

बिजनौर-मुरादाबाद में चौड़ीकरण

मंत्रिपरिषद ने बिजनौर व मुरादाबाद में बिजनौर-नूरपुर-छजलैट मार्ग पर 71.125 किलोमीटर सड़क चौड़ी करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना के तहत 16.7 किलोमीटर आबादी भाग में 2-लेन मार्ग को चार लेन में बदला जाएगा। इस पर 201 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सोनौली-बलिया मार्ग चार लेन

मंत्रिमंडल ने सोनौली-नौतनवां-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग को दो लेन से चार लेन के रूप में चौड़ा करने और मजबूत करने का फैसला किया है। परियोजना पर 200 करोड़ रुपये से अधिक लागत आएगी। मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 727ए घोषित किये जाने के बावजूद अभी तक परिसंपत्तियों का हस्तांतरण नहीं हुआ है। इस कारण निर्माण विभाग द्वारा राज्य सरकार के संसाधनों से निर्माण को मंजूरी प्रदान की गयी है।

भौरट बांध को 599 करोड़ रुपये मंजूर

ललितपुर में भौरट बांध निर्माण को मंत्रिपरिषद ने 599.7194 करोड़ रुपये लागत वाली योजना को मंजूरी दे दी। इससे पेयजल संकट से निजात के साथ ही करीब 9850 हेक्टेयर असिंचित भूमि की सिंचाई हो सकेगी।

उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर की तहसील महरौनी में ग्राम भैराघाट के निकट जामनी नदी पर मौजूदा जामनी बांध के लगभग बीस किलोमीटर दूर भौरट बांध बन रहा है। जामनी बांध से बानपुर राजवाहा में टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इसी कारण टेल क्षेत्र में 1960 हेक्टेयर भूमि सिंचाई से वंचित रही थी। भौरट बांध योजना वर्ष 2013 में पुनरीक्षित की गई और नावार्ड को संदर्भित की। संशोधित परियोजना में 9850 हेक्टेयर असंचित क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा। इससे खरीफ में 9000 हेक्टेयर तथा रबी फसलों में 7000 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। परियोजना पूर्ण हो जाने पर ललितपुर को जलसंकट से मुक्ति मिल सकेगी।

जनेश्वर पार्क के लिए कार्पस फंड को मंजूरी

जनेश्वर मिश्र पार्क को हमेशा हरा-भरा रखने और सांस्कृतिक-वैचारिक गतिविधियों के संचालन के लिए दो सौ करोड़ रुपये के कार्पस फंड बनाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। फंड का इस्तेमाल सोसाइटी के जरिये होगा। 376 एकड़ में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क के रख-रखाव के लिये बने कार्पस फंड में150 करोड़ रुपये आवास विभाग और 50 करोड़ रुपये लखनऊ विकास प्राधिकरण देगा। धन के उपयोग के लिए ‘जनेश्वर मिश्र पार्क प्रबंधन, संचालन, सुरक्षा एवं अनुरक्षण समिति उप्र नियमावली-2016 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है यानी समाजवादी पार्टी सत्ता में नहीं रहेगी तब भी पार्क के रख-रखाव पर फर्क नहीं पड़ेगा। स्वायतशासी संस्था के रूप में सोसाइटी पार्क का रख-रखाव करती रहेगी। जनेश्वर के जन्म या परिनिर्वाण दिवस पर इस पार्क में भी श्रद्धांजलि सभा आयोजित होती रहेगी। सूत्रों का कहना है कि नियमावली में पार्क में स्वास्थ्य शिविर, स्वास्थ्य परिचर्चा, खेलकूद प्रतियोगिता, राष्ट्रीय पर्व पर सांस्कृतिक कराने की व्यवस्था की गयी है।

ग्रेटर नोएडा में मेट्रो किनारे ज्यादा निर्माण

ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल लाइन के दोनों ओर एक किलोमीटर के दायरे में अब ज्यादा भवन निर्माण किया जा सकेगा। वजह यह है कि ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल लाइन के दोनों तरफ एक किमी के दायरे में आने वाले भवनों के लिए सरकार ने फ्लोर एरिया रेशियो  (एफएआर) बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल लिंक के लिए ज्यादा संसाधन जुटाने के मकसद से लिया है।  फ्लोर एरिया रेशियो का तात्पर्य किसी भूखंड के भूतल और ऊपरी तलों पर किये गए निर्माण के अनुपात से है। एफएआर बढऩे से किसी भूखंड पर ज्यादा निर्माण संभव होता है। एफएआर बढऩे से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आमदनी बढ़ेगी जिससे कि मेट्रो रेल परियोजना के लिए संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। इस मकसद से नोएडा प्राधिकरण की भवन निर्माण नियमावली में सरकार ने पिछले साल संशोधन किया था।