लखनऊ। वादा खिलाफ सपा सरकार के चार साल पूरे होने पर लखनऊ में आयोजित होने वाले ‘जन विकल्प मार्च’ को सफल बनाने के लिए रिहाई मंच नेता शाहनवाज आलम और इंसाफ अभियान के प्रदेश उपाध्यक्ष सलीम बेग के नेतृत्व में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुआ जन संपर्क और बैठकें। 

रिहाई मंच प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पिछले साल दिसंबर महीने में संभल के दीपा सराय से दो मुस्लिम युवकों आसिफ और जफर मसूद को अलकायदा के नाम पर गिरफ्तार कर संभल की मुस्लिम आबादी में वही डर-खौफ भरने की कोशिश की गई जो आजमगढ़ में की गई थी। रिहाई मंच ने घटना के बाद संभल जाकर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के इस खडयंत्र को बेनकाब किया था। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मोदी की सुरक्षा के नाम पर तो कभी चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए बेगुनाह मुस्लिम युवकों को अलकायदा, आईएस के नाम पर उठाया जाता है या फिर सपा-भाजपा सांप्रदायिक गठजोड़ वोटों के ध्रुवीकरण के लिए मुजफ्फर नगर तो कभी दादरी में अखलाक की हत्या करती है, इस गंदी सियासत को बेनकाब करेगा 16 मार्च को लखनऊ में होने वाला ‘जन विकल्प मार्च’। मंच नेता ने बताया कि रिहाई मंच नेता शाहनवाज आलम और इंसाफ अभियान के प्रदेश उपाध्यक्ष सलीम बेग ने मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, रामपुर समेत पश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलों में जनसंपक व बैठकें की।

रिहाई मंच नेता ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम युवकों को छोड़ने का वादा तो सपा ने नहीं पूरा किया और जिनको रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुऐब व अन्य अधिवक्ताओं ने अदालती प्रक्रिया से रिहा करवाया आज तक उनका पुर्नवास नहीं किया गया। पुर्नवास का वादा करने के बावजूद अखिलेश यादव ने वादा न पूरा कर अपनी संघी मानसिकता उजागर की है कि वो भी इन बेगुनाहों को आतंकी ही समझते हैं। उन्होंने कहा कि मंच बेगुनाह मुस्लिम युवकों के पुर्नवास का मुद्दा इस ‘जन विकल्प मार्च’ के उद्देश्यों को बताने के लिए होने वाली बैठकों में बड़े पैमाने पर उठा रहा है।