लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधान सभा में घोषणा की कि प्रत्येक विधायक के निर्वाचन क्षेत्र में 100 हैण्डपम्प सम्बन्धित सदस्य की संस्तुति पर स्थापित किये जाएंगे। प्रत्येक विधायक 100 हैण्डपम्पों की री-बोरिंग तथा अपने क्षेत्र के गरीब व्यक्तियों को 10 लोहिया आवास दिये जाने की भी संस्तुति कर सकेंगे। विधायक अपने क्षेत्र के ग्रामों को लोहिया ग्राम के तौर पर चयनित किये जाने की संस्तुति भी कर सकेंगे। इस प्रकार चयनित होने वाले ग्रामों की संख्या का निर्धारण बाद में किया जाएगा। प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 8 किमी0 हाॅट मिक्स सड़क की मरम्मत का कार्य भी विधायक की संस्तुति से कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि पूर्व विधायकों की पेंशन राशि को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार रुपए किया जाएगा। जिन विधायकों के पास आवास नहीं हैं, उन्हें आवास देने की व्यवस्था की जाएगी तथा विधान सभा सत्र के दौरान कर्मचारियों के देय मानदेय को 7500 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए किया जाएगा। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय से विधायकों के कूपन, वेतन और विधायक निधि का निर्धारण करने के लिए एक सर्वदलीय समिति बनाने का अनुरोध किया। 

श्री यादव ने यह भी कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। जहां से भी उत्पीड़न की सूचनाएं प्राप्त होती हैं, उस पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाती हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की तारीफ पूरे देश में हो रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के तेजी से निस्तारण के लिए शुरु की गयी एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आई0जी0आर0एस0) का लाभ जनता को मिलने लगा है। इस व्यवस्था के तहत शिकायतकर्ता को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वह घर बैठे ही आॅनलाइन अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे और इस पर सक्षम स्तर से की जाने वाली हर कार्यवाही की सूचना शिकायतकर्ता को एस0एम0एस0 के माध्यम से प्राप्त होगी। इस प्रणाली का लगातार अनुश्रवण किए जाने की भी व्यवस्था की गई है।

श्री यादव ने इस मौके पर राज्य सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने मेट्रो को निर्धारित समय से पूर्व जमीन पर उतारने का कार्य शुरु किया है। लखनऊ शहर में मेट्रो रेल की सेवाएं इस वर्ष दिसम्बर माह तक शुरु हो जाएंगी। इसके साथ ही, एक्सप्रेस-वे भी बनाए जा रहे हैं, जो पूरे देश में अपनी तरह के हैं, उसमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सबसे महत्वपूर्ण है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे इसी वर्ष अक्टूबर माह तक शुरु हो जाएगा। इसके अलावा, समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता की सड़कें बनाई जा रही हंै।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के चलते एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन लेने के लिए सरकार को न तो लाठी चलानी पड़ी, न ही किसानों के खिलाफ मुकदमें दायर करने पड़े। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान भूमि अधिग्रहण को लेकर जो घटनाएं हुईं, उससे सम्बन्धित मुकदमें आज भी चल रहे हैं। उन मुकदमों को राज्य सरकार वापस लेने का प्रयास कर रही है।

श्री यादव ने कहा कि प्रशासन तंत्र का पुलिस हाथ-पैर है। पुलिस अपना काम पूरी जिम्मेदारी से कर रही है। पिछली सरकार में ठेकों को लेकर लोगों की हत्याएं हो जाती थीं। अभी हाल में हुई चांदा, सुल्तानपुर में एक हत्या की घटना को दुःखद बताते हुए उन्होंने कहा कि मृतक के परिजन 3 दिन तक शव का अन्तिम संस्कार नहीं कर रहे थे। इस घटना की सी0बी0आई0 जांच की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार ने इस मामले में सी0बी0आई0 जांच की संस्तुति करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सी0बी0आई0 समेत अन्य जांच एजेन्सियों पर भरोसा करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम जोखिम भरा है। 

मुख्यमंत्री ने पुलिस की कमी को दूर करने की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया को अब सरल बना दिया है। पुलिस की भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से की गई है। मुजफ्फरनगर, शामली अथवा कोई अन्य जनपद क्यों न हो, लगभग 1000 से 1200 तक लोगों का पुलिस में चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।

श्री यादव ने कहा कि डायल-100 को आधुनिक रूप देकर शुरु किया गया है। पूरे प्रदेश में जल्द ही इसका संचालन शुरु हो जाएगा। सुदूर क्षेत्रों तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने तथा पीडि़त को तत्काल चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए एम्बुलेन्स सेवाओं में वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश की आधी आबादी खासतौर से महिलाएं आगे बढ़ें, इसके लिए काफी काम किया गया है। देश और समाज तभी तरक्की करेगा, जब महिलाएं आगे बढेंगी। इसके साथ ही, सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया गया है, ताकि आम जनता को आसानी से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।