लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने फूलों के मौसम में राजभवन के गार्डेन को आम आगन्तुकों के लिये 3 मार्च से 13 मार्च तक प्रतिदिन अपरान्ह 3.00 बजे से सायंकाल 5.00 बजे तक खोले जाने के निर्देश दिये हैं। आगन्तुक राजभवन के गेट नं0 3 (तोप वाले गेट के बगल) से प्रवेश कर सकेंगे। आगन्तुकों के लिये अपना फोटोयुक्त पहचान पत्र साथ में लाना अनिवार्य है। दर्शक या आगन्तुक जानकारी हेतु दूरभाष संख्या 0522-2236497 पर सम्पर्क कर सकते हैं। 

राजभवन जो पूर्व में कोठी हयात बख़्श (अर्थात जीवन दायिनी जगह) के नाम से जाना जाता था, का निर्माण नवाब सआदत अली खान के कार्यकाल सन् 1798 में हुआ था। मेजर जनरल क्लाॅड मार्टिन ने इस भवन का पुनर्निर्माण कराया था तथा इसको अपना आवास बनाया। आजादी के पहले भी यह भवन अवध प्रान्त के उप-राज्यपाल/राज्यपाल का सरकारी आवास था। स्वतन्त्रता के पश्चात् यह भवन राजभवन के नाम से जाना जाता है और यह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का सरकारी आवास है।

राजभवन के मुख्य प्रांगण में सफेद संगमरमर की एक बारादरी निर्मित है तथा भवन के सामने लाॅन में उत्तर प्रदेश सरकार की मोहर (सील) के आकार का एक सुन्दर फव्वारा भी स्थित है। यहाँ एक कैक्टस हाउस है तथा विभिन्न प्रकार के दुर्लभ औषधीय पौधों की एक वाटिका है, जिसे धन्वन्तरि वाटिका कहते हैं। यहाँ विभिन्न रंगों एवं प्रजातियों के गुलाब की सुन्दर वाटिका है जो गुलाब वाटिका कहलाती है। राजभवन में रूद्राक्ष, कल्पवृक्ष, सीता अशोक, सिन्दूर, कृष्ण वट तथा चन्दन के दुर्लभ वृक्ष भी लगे हैं। राजभवन के कुछ चिन्हित स्थलों पर संगमरमर की खूबसूरत मूर्तियों भी स्थापित हैं जो इसकी शोभा को और भी बढ़ा देती हैं।