लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता एवं कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा कल रामपुर में प्यार और मुहब्बत की निशानी एवं विश्व के सात अजूबों में से एक तथा हिन्दुस्तान के गौरव ताजमहल सहित भारत की तमाम ऐतिहासिक धरोहरों को गिराये जाने की वकालत करने और यह कहने कि जिस दिन यह धरोहर गिरायी जायेगी, मैं भी आगे-आगे रहूंगा, सम्बन्धी दिये गये बयान की उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन हाजी सिराज मेंहदी पूर्व एमएलसी ने कड़ी निन्दा की है। 

श्री मेंहदी ने कहा कि मोहम्मद आजम खां ऐसा बयान देकर मीडिया की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। उन्होने यह बयान मौलाना अहमद बुखारी की दुबारा सपा से हमदर्दी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के साथ एक घण्टे हुई मीटिंग के सबब में अपने गुस्से का इजहार करते हुए दिया है। सीधे तौर पर वह गुस्सा मुख्यमंत्री पर निकाल नहीं सकते इसलिए उलूल-जुलूल बयान देकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। 

श्री मेंहदी ने सपा मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव से मोहम्मद आजम खां के इस बयान पर पार्टी और अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करने की मांग की है। 

श्री मेंहदी ने कहा कि मौलाना अहमद बुखारी और श्री अखिलेश यादव की मीटिंग के बाद यह तो साफ हो गया है कि मौलाना बुखारी ने मिल्लत और कौम के लिए नहीं बल्कि अपने खानदान की परवरिश के लिए आत्मसमर्पण कर दिया है। मौलाना बुखारी के साथियों ने भी उनके इस कदम पर अपना त्यागपत्र दे दिया है। उन्होने कहा कि मौलाना अहमद बुखारी ने हमेशा चाहे लोकसभा हो अथवा विधानसभा का चुनाव हो, कभी भी एक मंच पर नहीं रहे, जबकि उनके पिता स्व0 अब्दुल्ला बुखारी की साख पूरे देश में अच्छी मानी जाती रही है।