नई दिल्ली: इन्फोसिस साइन्स फाउन्डेशन ने आज विज्ञान एवं मानविकी में अनुसंधान के लिए उल्लेखनीय योगदान एवं उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करते हुए इन्फोसिस पुरस्कार 2015 के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि, भारत के माननीय राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान विजेताओं को सम्मानित किया। इन्फोसिस पुरस्कार 2015 से सम्मानित होेने वाले प्रोफेसर उमेश वाघमारे, प्रोफेसर जोनार्दन गनेरी, डाॅ. अमित शर्मा, प्रोफेसर महन एम जे, प्रोफेसर जी. रविन्द्र कुमार और डाॅ. श्रीनाथ राघवन थे। इन्फोसिस पुरस्कार छह श्रेणियों में दिया जाता है। इनमें शामिल हैं- इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटर विज्ञान, मानविकी, जीवन विज्ञान, गणित विज्ञान, भौतिक विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान। हर श्रेणी के विजेता को 65 लाख रु (100,000 अमेरिकी डाॅलर से ज़्यादा), 22 कैरट सोने के पदक और एक प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। जूरी में मौजूद छह दिग्गजों के द्वारा विजेताओं का चयन किया गया था जिनमें चांसलर प्रदीप के खोसला (युनिवर्सिटी आॅफ कैलिफोर्निया, सैन डिएगो) इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटर विज्ञान के लिए; प्रोफेसर अमत्र्य सेन (हार्वर्ड युनिवर्सिटी) मानविकी के लिए; डाॅ. इंदर वर्मा (साल्क इन्सटीट्यूट आॅफ बायोलोजिकल साइन्सेज़) जीवन विज्ञान के लिए; प्रोफेसर श्रीनिवास एस. आर वर्धन(न्यूयाॅर्क युनिवर्सिटी) गणित विज्ञान के लिए; प्रोफेसर श्रीनिवास कुलकर्णी (कैलिफोर्निया इन्सटीट्यूट आॅफ टेकनोलोजी) भौतिक विज्ञान के लिए; तथा प्रोफेसर कौशिक बासू (द वल्र्ड बैंक) सामाजिक विज्ञान के लिए शामिल थे। पुरस्कार समारोह में विभिन्न उद्योगों से प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों एवं दिग्गजों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में शिरकत करने वाले इन्फोसिस साइन्स फाउन्डेशन के ट्रस्टियों में श्री एस. डी शिबुलाल, न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष, आईएसएफ और फाउन्डेशन के अन्य ट्रस्टी- श्री एन. आर. नारायण मूर्ति, श्री मोहनदास पाई, श्री कृस गोपालकृष्णन, श्री श्रीनाथ बटनी, श्री के. दिनेश और श्री आर शेषसायी, इन्फोसिस बोर्ड के चेयरमैन शामिल थे । अतिथियों का स्वागत करते हुए इन्फोसिस साइन्स फाउन्डेशन में न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष श्री एस. डी. शिबुलाल ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि हम इन्फोसिस पुरस्कार 2015 के विजेताओं को उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए सम्मानित कर रहें हैं। उन्हें विविध क्षेत्रों जैसे भारतीय दर्शन, घातक मलेरिया परजीवी की आण्विक संरचना तथा भारत की विदेश एवं सुरक्षा नीतियों में उल्लेखनीय कार्य एवं योगदान के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। ये क्षेत्र हमारे आस-पास के जीवन का विश्लेषण करते हैं और हमें इन्हें समझने में मदद करते हैं। इन्फोसिस पुरस्कार 2015 के विजेताओं का चयन प्रख्यात जूरी पैनल के द्वारा किया गया, जिनमें अन्तरराष्ट्रीय अनुसंधान क्षेत्र के जाने-माने दिग्गज शामिल थे। विजेताओं का कार्य अपने आप इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम किया है।’’ इस अवसर पर भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘‘इन्फोसिस पुरस्कार अकादमिक जगत के सदस्यों के लिए अपने आप में एक बड़ा सम्मान है। इन्फोसिस की तरह के पुरस्कार वैज्ञानिकों एवं अकादमिकज्ञों के द्वारा किए जाने वाले उत्कृष्ट अनुसंधान को पहचान देते हैं।