लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बसपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा जे.एन.यू. प्रकरण पर दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में बसपा की शर्मनाक हार एवं राज्य की राजनीति में हाशिए पर पहुंचने से निराश व हताश मायावती अल्पसंख्यक तुष्टिकरण से प्रेरित होकर एवं अवसाद से ग्रस्त होकर राष्ट्रविरोधी ताकतों के समर्थन में उतर आयेंगे। 

डा0 बाजपेयी ने जे.एन.यू. मामले में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए कहा कि सपा प्रमुख इतने संवेदनशील मुद्दें पर आखिर मौन क्यों धारण किये हुए है ? क्या वोट के खातिर ?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा पं0 जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पाकिस्तान जिंदाबाद, ‘गो इंडि़या-गो बैक’ और संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरू के समर्थन सहित अन्य राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वाले देशद्रोहियों की गिरफ्तारी को बसपा प्रमुख मायावती अपनी पहली नजर में ही गलत बताने लगी, आखिर क्यूं ? 

डा0 बाजपेयी ने कहा वोट बैंक की छद्दम राजनीति के चलते राष्ट्र विरोधी कृत्य करने वाले छात्रों के समर्थन में उतरी मायावती राष्ट्रभक्त और राष्ट्रद्रोही के फर्क को भी नहीं समझ पा रही है। देश की राजधानी में पं0 जवाहर लाल नेहरू में नाम स्थापित विश्वविद्यालय में राष्ट्रविरोधी मानसिकता में लोगों द्वारा देश विरोधी नारे लगाना और आतंकवादियों का समर्थन हो क्या यह स्वीकार किया जाना उचित होगा ? क्या यह पं0 नेहरू के सम्मान के विपरीत नहीं है ? इनकों कांग्रेस का सर्मथन साबित करता है कि धरातल खोई कांग्रेस ने भी नेहरू जी को अपमानित करने का काम किया है।

डा0 बाजपेयी ने जे.एन.यू. प्रकरण में केन्द्र सरकार की भूमिका पर उसे कठघरे में खड़ा करने वाली बसपा प्रमुख मायावती से सवाल किया कि क्या जे.एन.यू. में आतंकियों के सर्मथन में और भारत के विरोध में नारे लगते रहते और केन्द्र सरकार सबकुछ जानते हुए चुपचाप बैठकर तमाशा देखती रहती तो क्या राष्ट्रहित होता ? 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने भारत सरकार से पूरे प्रकरण पर सख्त कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति के बयानों को भी संज्ञान में लिया जाना आवश्यक है।