कानपूर: डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व वाली 30 सांसदों की इस्टीमेट कमेटी ने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे पर सवाल खड़े कर दिए। डॉ. जोशी ने तो साफ कहा दिया कि जिस तरह प्रोजेक्ट का काम चल रहा है 50 साल तक गंगा साफ नहीं हो पाएगी।

कानपुर पहुंची इस्टीमेट कमेटी ने मंगलवार को नमामि गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा की, इस दौरान मौजूद केन्द्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर निगम के अधिकारियों को खरी-खरी सुनायी। सांसदों ने कहा जिस तरह गंगा सफाई के नाम पर बने पहले सभी प्रोजेक्ट फेल हो चुके हैं और करोड़ों रुपए पानी में बह गए अब यही हाल अफसर नमामि गंगे प्रोजेक्ट का कर रहे हैं। डॉ. जोशी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं, जिस तरह काम चल रहा पांच साल तो क्या 50 सालों में भी गंगा साफ नहीं हो पाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि गंगा जब तक अविरल नहीं होगी उसको निर्मल नहीं किया जा सकता है।

अफसरों से उन्होंने कहा कि आकड़ेबाजी से बाज आएं, कागजों में अच्छे आकड़े पेश करने से गंगा साफ नहीं होगी, उन्होंने कहा धरातल पर काम करें तभी कोई रिजल्ट संभव है। डॉ. जोशी ने कहा कि टेनरियों को ज्यादा बदनाम किया जाता है लेकिन सरकार को ही ऐसी तकनीकी बतानी होगी जिससे क्रोम व जहरीले पदार्थ न निकलें,विकल्प सुझाकर सरकार टेनरियों को इसके लिए तैयार करे। नगर निगम के अफसरों को फटकारते हुए उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा लापरवाह तो वे हैं, सीवेज का जितना पानी गंगा में जाता है उतना तो कोई प्रदूषण गंगा में नहीं गिरता। यह डिस्चार्ज रोकना होगा।

अफसरों ने बताया कि गंगा में जहरीला कचरा बहाने वाले 353 उद्योगों को बंद किया गया है, इसमें अकेले 200 कानपुर और 60 उन्नाव के हैं। अफसरों ने कहा कि ऐसे उद्योगों की लगातार निगरानी की जा रही है जो जहरीला कचरा डिस्चार्ज करते हैं।