लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने आज लोकायुक्त के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए सवाल पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं कि सच कौन और झूठ कौन?
प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्वत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति प्रकरण से उच्चतम न्यायालय में सरकार की तरफ से शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था। शपथ पत्र में चयन सामित द्वारा विचार किये गये, नामों में प्रथम नाम सेवा-निवृत्त जस्टि वीरेन्द्र सिंह का नाम दिया गया जिसके आधार पर उच्चतम न्यायालय ने श्री वीरेन्द्र सिंह को लोकायुक्त नियुक्त किया गया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मा0 उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायधीश और बाद में नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा वीरेन्द्र सिंह के नाम पर सहमति होने को गलत बताया अैर यह भी कहा कि विचारणीय नामों में वीरेन्द्र सिंह का नाम प्रथम स्थान पर नहीं था।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री द्वारा यह कहा जाना कि ‘‘स्वामी प्रसाद मौर्या झूठ बोल रहे है’’। उन्होंने मांग की प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस विषय की वास्तविकता जनता को बताएं। हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि तीन शीर्ष लोगों के बीच हुई बैठक के बारे में उनकों स्थिति स्पष्ट करनी ही चाहिए क्योंकि यह मसला देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था को गुमराह करने से जुड़ा है। 
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यन्याधीश ने अपने पत्र में जस्टिश ए0एन0 मित्तल के नाम पर चर्चा की बात कही थी और नेता प्रतिपक्ष ने भी जास्टिश ए0यन0 मित्तल का नाम मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रस्तावित किये जाने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किया जाना एक अत्यन्त गम्भीर और प्रदेश सरकार के लिए शर्मिन्दगी का विषय है। ऐसे में मुख्यमंत्री को स्वयं आगे आकर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।