नई दिल्ली।आमिर खान को संसदीय समिति की बैठक में खुली तौर पर देशद्रोही कहे जाने का भाजपा सांसद और भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि मैं कभी भी आमिर को गद्दार नहीं कह सकता। हालांकि अतुल्य भारत कैंपेन के ब्रांड एम्बेसडर से हटाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अभी ये भी नहीं कह सकता कि उन्हें हटाया गया है कि नहीं लेकिन अगर उनकी नजर में भारत अब रहने लायक जगह नहीं तो वह वास्तव में इस कैंपेन के लायक नहीं।

सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को पर्यटन, संस्कृति व परिवहन की एक संसदीय समिति में इस मुद्दे पर सांसदों में आपस में खूब बहस हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कथित तौर पर सभी सदस्यों के सामने आमिर खान को देशद्रोही कह दिया। हालांकि बताया जा रहा अन्य सदस्यों द्वारा आपत्ति जताने पर तिवारी चुप्पी लगा गए।

समिति की अध्यक्षता कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सांसद के.डी. सिंह ने पर्यटन मंत्री से आने वाले 10 दिन के अंदर इस पूरे मामले पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में पर्यटन सचिन विनोद जुत्शी मौजूद थे। कांग्रेस सदस्य कुमारी शैलजा ने इस मुद्दे को बैठक में उठाया। उन्होंने पूछा कि \’अतुल्य भारत\’ के बारे में सरकार क्या योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि खबरों के मुताबिक सरकार इस अभियान के लिए आमिर की जगह एक नए चेहरे की तलाश कर रही है। कुछ खबरों में कहा जा रहा है कि इस अभियान के ब्रैंड ऐंबैसडर के तौर पर आमिर की जगह लेने के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें अमिताभ बच्चन सबसे आगे हैं।

शैलजा के सवाल पर सीपीएम के सांसद रिताब्रता बनर्जी ने सीधा सवाल करते हुए पूछा कि क्या आमिर की जगह लेने वाला नया ब्रैंड ऐंबैसडर भी इस काम को मुफ्त में करेगा। मालूम हो कि आमिर ने इस काम के लिए सरकार से कोई पैसा नहीं लिया था। बताया जा रहा है कि बनर्जी ने यह भी पूछा कि सरकार नए ब्रैंड ऐंबैसडर को कितनी राशि देने पर विचार कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, इसी समय बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने जोश में आकर कहा, अच्छा हुआ कि आमिर खान को इस अभियान से हटा दिया गया। वह एक देशद्रोही हैं। तिवारी की इस कथित टिप्पणी पर बनर्जी समेत कांग्रेस सदस्य के.सी. वेणुगोपाल और कुछ अन्य सदस्यों ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी, यह सही नहीं है। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा बर्ताव संसद की मर्यादा के खिलाफ है। इस प्रतिक्रिया के बाद तिवारी चुप्पी लगा गए।