लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मार्गदर्शन में लघु सिंचाई विभाग ने सिंचन क्षमता में बढ़ोत्तरी नया आयाम स्थापित किया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लघु सिंचाई विभाग द्वारा अब तक 12.98 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन किया गया है। इसके लिए इस दौरान 4 लाख 82 हजार 474 निःशुल्क बोरिंग, 25 हजार 680 मध्यम गहरी बोरिंग, 6 हजार 02 गहरी बोरिंग, 1557 चेक डैम, 5 हजार 715 सामुदायिक ब्लास्ट कूप तथा 905 सामुदायिक नलकूपों का निर्माण कराया गया है।  

यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह उपलब्धि निःशुल्क बोरिंग योजना, मध्यम गहरे नलकूप की योजना, हैवी रिग मशीन द्वारा गहरे नलकूपों का निर्माण तथा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना के माध्यम से हासिल की गई है। समाजवादी सरकार द्वारा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना नामक नई समेकित योजना की शुरूआत की गई। साथ ही, विभिन्न योजनाओं के तहत एच0डी0पी0ई0 पाइप की खरीद, नलकूपों के ऊर्जीकरण, जल वितरण प्रणाली के निर्माण पर अनुदान की व्यवस्था भी की गई है।

प्रवक्ता के अनुसार वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार द्वारा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना का शुभारम्भ किया गया। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति कृषक बाहुल्य तथा सामान्य श्रेणी के लघु/सीमान्त कृषक बाहुल्य, दो प्रकार के समूहों का गठन किया जाता है। अनुसूचित जाति/जनजाति कृषक बाहुल्य समूह के लिए नलकूप निर्माण की सम्पूर्ण लागत, अधिकतम 5 लाख रुपए तथा सामान्य श्रेणी के लघु/सीमान्त कृषक बाहुल्य समूह के लिए अधिकतम 3 लाख 92 हजार रुपए के अनुदान की व्यवस्था की गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि निःशुल्क बोरिंग योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लघु, सीमान्त एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को बोरिंग एवं पम्पसेट की खरीद पर अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। वर्तमान सरकार ने इस अनुदान के अतिरिक्त, वर्ष 2012-13 से योजना के 25 प्रतिशत लाभार्थियों को 90 मि0मी0 साइज के 30 से 60 मीटर एच0डी0पी0ई0 पाइप के लिए लागत के 50 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की है, जिसकी अधिकतम सीमा 3,000 रुपए है। 

इसी प्रकार मध्यम गहरे नलकूप की योजना के तहत किसान को लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 75 हजार रुपए) तथा जल वितरण प्रणाली के निर्माण के लिए 50 प्रतिशत (अधिकतम 10 हजार रुपए) अनुदान की व्यवस्था है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012-13 में निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण की समस्या के समाधान के लिए विद्युतीकरण हेतु विद्युत विभाग द्वारा अनुमन्य दर 68 हजार रुपए प्रति नलकूप के अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की है। इस प्रकार प्रति नलकूप अनुदान की सीमा 85 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख 53 हजार रुपए कर दी गई है।

प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि हैवी रिग मशीन द्वारा गहरे नलकूपों के निर्माण पर किसान को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम 01 लाख रुपए) अनुमन्य है। सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 से इस अनुदान के अतिरिक्त प्रत्येक नलकूप पर जल वितरण प्रणाली की स्थापना के लिए लागत के 50 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम 10 हजार रुपए) की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, नलकूप के विद्युतीकरण के लिए विद्युत विभाग द्वारा निर्धारित दर 68 हजार रुपए के अतिरिक्त अनुदान की भी व्यवस्था समाजवादी सरकार द्वारा की गई है। इस योजना के तहत इस प्रकार अनुदान की सीमा प्रति नलकूप 1 लाख रुपए के स्थान पर बोरिंग, नलकूप का ऊर्जीकरण तथा जल वितरण प्रणाली तीनों मदों को मिलाकर 1 लाख 78 हजार रुपए कर दी गई है।