लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के लिए दिये जाने वाले गनर, शैडो और गारद के शुल्क के लिए नई गाइड लाइन तैयार की है। आवेदक की हैसियत के हिसाब से सुरक्षा का शुल्क लिया जाएगा लेकिन जघन्य अपराध में पैरवी करने वाले व्यक्ति और गवाह की सुरक्षा के लिए दस प्रतिशत निजी व्यय पर ही सुरक्षाकर्मी दिए जाएंगे। इसमें भी आवेदक की आर्थिक स्थिति खराब होने पर जिला व मंडल स्तरीय सुरक्षा समिति तथा शासन की उच्च स्तरीय समिति नि:शुल्क सुरक्षा भी प्रदान कर सकती है। 

उल्लेखनीय है कि बलराम पाण्डेय की याचिका पर उच्च न्यायालय ने VIP लोगों की सुरक्षा के लिए गनर, शैडो एवं गारद उपलब्ध कराये जाने के मामले में खर्च निर्धारित करने के निर्देश दिए थे। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने शुक्रवार को इस सिलसिले में शासनादेश जारी किया। इसके मुताबिक पांच लाख तक की वार्षिक आय वाले आवेदक को सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मी पर आने वाले व्ययभार का 25 प्रतिशत लिया जाएगा जबकि पांच लाख से 15 लाख रुपये तक की आमदनी वाले को 50 प्रतिशत खर्च उठाना होगा। 15 लाख से 25 लाख की वार्षिक आय वाले आवेदक को 75 प्रतिशत और 25 लाख से अधिक आमदनी वाले को सुरक्षा का सौ प्रतिशत खर्च वहन करना होगा।