लखनऊ: 12 रबी उल अव्वल मुताबिक 24 दिसम्बर को रहमतुल लिल आलमीन रसूल पाक सल्ल0 के पैदाइश के दिन पर सुन्नी, शिया और जिला प्रशासन के मध्य 1999 ई0 को होने वाले समझौते के अंतर्गत निकलने वाले ऐतिहासिक जूलूस-ए-मदहे सहाबा के स्वागत के लिए ईदगाह एैशबाग़ लखनऊ में तैय्यारियाँ पूरी हो गयी हैं।

जूलूस के तैय्यारियों के सिलसिले में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया में एक बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल करते हुए कहा कि शहर के मुसलमानों की अजमत व शौकत का हामिल यह जूलूस है। इस लिए इस ऐतिहासिक जूलूस में मुसलमानों को अधिक से अधिक संख्या में शरीक होकर रसूल पाक सल्ल0 और आप के सहाबा रजि0 से अपनी मोहब्बत व अकीदत का इज्हार करना चाहिए।

मौलाना ने कहा कि इस जुलूस से किसी दूसरे मसले का सम्बन्ध बिलकुल नही है इस लिए इस जूलूस को किसी दूसरे मसले से जोड़ने की कोशिश न की जाए। उन्होने कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और अगर कोई असमाजिक तत्व कोई हरकत करता है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन और जिम्मेदार उलमाक्राम को दें।

मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीक़ी ने कहा कि जुलूस के ईदगाह पहंुचने पर जलसा ‘‘सीरतुन्नबी व सीरत सहाबा और तहफ्फुज शरीअत’’ का आरम्भ होगा जिसको उलमाक्राम व दानिशवराने मिल्लत खिताब करेंगें।

मौलाना मुहम्मद मुशताक़ ने कहा कि समझौते के मुताबिक़ सुन्’िनयों को सिर्फ एक जूलूस मिला है इस लिए इस जुलूस मदहे सहाबा रजि0 में हम सब को ज्यादा से ज्यादा तादाद में शामिल होकर इत्तिहाद-ए-इस्लामी और शौकत-ए-इस्लामी का मुजाहिरा करना चाहिए।

मीटिंग में मौलाना सुफयान निजामिी, मौलाना हारून निजामी, मुफ्ती अतीकुर्रहमान, कारी कमर उद्दीन, कारी तनवीर आलम, मौलाना अब्दुल लतीफ, कारी तरीकुल इस्लाम, अदनान खाँ, सऊद रईस, हाजी फैजुद्दीन, सै0 अयाज अहमद, मुहम्मद आसिम, मुहम्मद कलीम खाँ, मुहम्मद नईम अहमद, मुहम्मद नदीम अहमद और मुराद अहमद शरीक हुए।