नैरोबी। अफ्रीकी देश केन्या में सांप्रदायिक सद्भाव की अद्भुत मिसाल देखने को मिली है। देश में एक बस पर हुए इस्लामिक चरमपंथियों के हमले में मुस्लिम यात्रियों ने ईसाई समुदाय के लोगों की जान बचाकर दुनिया को आतंक से लड़ाई का एक नया संदेश दिया है।

सोमालिया के चरमपंथी समूह अल शबाब के 10 आतंकियों ने उत्तरी केन्या में बस को घेरने के बाद उसमें सवार यात्रियों को मुस्लिम और ईसाई, दो समूहों में बंट जाने के लिए कहा। लेकिन, मुसलमानों ने चरमपंथियों के सामने धार्मिक पहचान के आधार पर समूहों में बंटने से इनकार कर दिया।

मुस्लिम यात्रियों ने चरमपंथियों से कहा कि या तो हम सबको मार दो या सबको छोड़ दो। मुस्लिम यात्रियों ने अपने साथ बस में बैठे ईसाई समुदाय के लोगों को पहनने की कुछ धार्मिक चीजें दे दीं जिससे उनकी पहचान न की जा सके। सोमालिया की सीमा से सटे इलाके में हुए इस हमले में कम से कम दो लोग मारे गए हैं और चार लोग घायल बताए जा रहे हैं।

इस घटना के बाद सोमालियाई आतंकियों ने राजधानी नैरोबी से मंडेरा जा रही बस में सवार सभी यात्रियों को छोड़ दिया लेकिन धमकी दे गए कि वह फिर आएंगे। पिछले साल मंडेरा के पास अल शबाब के आतंकियों ने एक बस पर हमला कर 28 गैर मुस्लिमों की हत्या कर दी थी।

केन्या ने अक्टूबर 2011 से सोमालिया के अल-शबाब के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा लिया है। इसके बाद से वहां अल-शबाब हमले कर रहा है। केन्या के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सोमालियाई मूल के लोगों की बड़ी आबादी है।