दारूल उलूम निजामिया फंरगी महल में ‘‘जलसे सीरतुन्नबी व तहफ्फुज शरीअत’’ का आयोजन

लखनऊ: दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल के तत्वाधानअल्लामा अब्दुर्रशीद फरंगी महली हाल में माह-ए-रबी उल अव्वल की मुनासिबत से दसवें जलसे ‘‘सीरतुन्नबी (सल्ल0) व तहफ्फुज शरीअत’’ का आयोजन किया गया। जलसे की अध्यक्षता इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने की।

जलसे को खिताब करते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि खुदा पाक ने अपने अन्तिम रसूल नबी पाक स॰ को सारी दुनिया के लिए रहमत का नबी बनाकर भेजा। आप की लाई हुई शरीअत खुदा पाक की आखिरी शरीअत है। अब कयामत तक कोई नई शरीअत नही आयेगी। आप स0 ने इस्लाम की दावत रहती दुनिया तक के लिए दी।

मौलाना ने कहा कि नबी पाक सल्ल0 की पैरवी करने वाले दुनिया के हर भाग में हैं। आप स॰ की पैरवी ही में सफलता है। उन्होंने कहा कि रसूल स॰ के जीवन के जितने कार्य हैं वह सब के सब खुदा पाक की रजा हासिल करने का माध्यम है।

उन्होंने कहा कि रसूल स॰ के मुआमले में हमें बहुत बचना चाहिए अगर हमारे मुंह से कोई एैसी बात निकल जाये जिससे रसूल स॰ की शान में गुस्ताखी हो तो समझ लीजिए हमारा सब कुछ बर्बाद होगया। मौलाना ने शिक्षा प्राप्त करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सही शिक्षा नही प्राप्त की जायेगी तो गुमराही फैलेगी। उन्होंने कहा कि खुदा पाक का जैसा हुक्म है वैसा ही उस पर अमल करना चाहिए। अपनी ओर से उसमें कुछ भी कमी व ज्यादती न की जाए।