कराची: बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में खेलने के लिए बांग्लादेश गए कई पाकिस्तानी खिलाड़ी बुरी यादों के साथ स्वदेश लौट आए हैं और टीम मालिकों और प्रबंधन द्वारा तवज्जो नहीं दिए जाने से नाराज हैं।  इसमें सबसे बड़ा नाम पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान मिस्‍बाह उल हक का है जिनकी रंगपुर राइडर्स के टीम प्रबंधन ने अंतिम सात मैचों में अनदेखी की और उनकी जगह अन्य विदेशी खिलाड़ियों को मौका दिया जिसमें अफगानिस्‍तान के गुमनाम से खिलाड़ी  मोहम्मद नबी भी शामिल हैं।

मिस्‍बाह ने रविवार रात टीम के नाकआउट मैच से पहले कहा, ‘मैं इस बारे में अधिक कुछ नहीं बोल सकता लेकिन मुझे लगता है कि टीम मालिकों और कोचों को पता है कि उन्हें क्या चाहिए। लेकिन लंबे समय तक बाहर बैठना आसान नहीं होता।’ मिस्‍बाह बारिसाल बुल्स के खिलाफ नॉकआउट मैच में मौका नहीं दिए जाने से निराश दिख रहे थे। उन्हें मौका नहीं दिए जाने के पाकिस्तान क्रिकेट जगत के कई लोग भी हैरान हैं जबकि कामरान अकमल, सईद अजमल, उमर अकमल और वहाब रियाज जैसे स्वदेश लौट चुके खिलाड़ी भी अनदेखी किए जाने से खुश नहीं हैं।

कामरान ने कहा, ‘मैंने अपने फ्रेंचाइजी के मालिक और मैनेजमेंट के सामने साफ कर दिया था कि मैं बीपीएल में ओपन करना चाहता हूं, लेकिन दो मैच के बाद मुझे तवज्‍जो नहीं दी गई।’ उन्‍होंने कहा कि मैं वहां केवल पैसों के लिए नहीं आया था। मैं सोच रहा था कि मैं यहां पर अपने अच्‍छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित कर सकता हूं।

पाकिस्‍तान के तेज गेंदबाज वहाब रियाज भी चुने जाने के बावजूद बीपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलने पर बीच में ही घर लौटने को बेहतर मान रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि ज्‍यादातर मैचों में इस तरह से उपेक्षा किया जाना अच्‍छा अनुभव नहीं है।