नाइपर.रायबरेली का तृतीय दीक्षांत समारोह संपन्न 

राष्ट्रिय औषधीय शिक्षा एवं अनुसन्धान संस्थान रायबरेली का तीसरा दीक्षांत समारोह आज सीएसआईआर.सीडीआरआईए जानकीपुरम लखनऊ में संपन्न हुअ। इस अवसर पर फार्मास्युटिकल विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार के सचिव डॉ वी के सुब्बुराज ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा की देश में भारतीय फार्मा इंडस्ट्री का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्योगों में शामिल है और वैश्विक स्तर पर इसका तीसरा स्थान है|  नई सरकार का ‘मेक इन इंडिया’ का सिद्धांत इस कार्य को न केवल प्रोत्साहित करेगा बल्कि दवा उत्पादों हेतु भारत को अग्रणी उत्पादन हब के रूप में स्थापित करेगा।  नाइपर, फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री की लगातार उन्नति के लिए जनशक्ति उपलब्ध करने हेतु, भविष्य की मांगो की आपूर्ति करने के लिए अनुसन्धान एवं विकास पर फोकस करते हुए कार्य करने के लिए तत्पर है। 

इससे पूर्व समारोह का प्रारम्भ मुख्य अतिथि, अध्यक्ष स्टीयरिंग कमिटी और अन्य अधिकारियों एवं शिक्षकगणों द्वारा पंक्तिबद्ध होकर दीक्षांत परेड के साथ हुआण् स्टीयरिंग कमिटी के अध्यक्ष ने दीक्षांत समारोह के प्रारम्भ होने की घोषणा की।  नाइपर रायबरेली के परियोजना निदेशक डॉ पी के शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत किया और रिपोर्ट प्रस्तुत की।  मार्गदर्शक संस्थान की निदेशिका डॉ मधु दीक्षित कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को सम्बोधित किया तथा छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें दी।  रजिस्ट्रार डॉ शैलजा भट्टाचार्य ने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के नामों की घोषणा की।  

डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों द्वारा राष्ट्र सेवा की शपथ लिए जाने के पश्चात मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। कंदर्प महेश कुमार दवे, इटालिया किशन श्यामजी भाई, नेम कुमार जैन एवं कु हरजीत कौर को स्वर्ण पदक एवं सात अन्य छात्रों को रजत पदक प्रदान किये गए। 

इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी मुंबई के एमेरिटस प्रोफ़ेसर पद्म विभूषण प्रोफण् एम एम शर्मा ने युवा ग्रेजुएट्स को बधाई दी और उनके शानदार भविष्य के लिए शुभकामनायें दीं।  भारत में दवा उद्योग में हो रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों की दृष्टी से उन्होंने कहा की बेहतर ड्रग डिलेवरी के लिए एपीआई हेतु फॉर्मुलेशन्स में भी हमने नवीन प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण कार्य किया है फिर भी बहुत कुछ किया जाना अभी बाकी है।  उन्होंने कहा, मेडिसिनल केमेस्ट्री को उच्चस्तरीय बनाया जाना आवश्यक है और सीडीआरआई तथा नाइपर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।  नए एपीआई के लिए केमिस्ट के लिए आकर्षक प्रक्रियाओं को विकसित करने के लिए जीवविज्ञानियों और केमिकल इंजीनियर्स जो अभी एक रिले रेस की तरह कार्य कर रहे हैं मिलकर एक साथ काम करना चाहिए जिससे वो जल्दी आगे बढ़ सकें।  इस प्रकार हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए की प्रक्रिया मार्ग का चयन एवं प्रक्रिया के अन्य घटकों का चयन सम्हल कर पूर्व में ही कर लिया जाए क्योंकि ऍफ़डीए के अनुमोदन के बाद परिवर्तन कठिन हो जाता है।  डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मास्युटिकलए मिनिस्ट्री ऑफ़ केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स नाइपर को सामने लाने के लिए धन्यवाद के पात्र हैं, जो दवा उद्योग पर एक विशिष्ट छाप छोड़ने के लिए कटिबद्ध है।