नई दिल्ली। नेशनल हैराल्ड केस को लेकर संसद में मचे हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के एक बयान ने आग में घी डालने का काम किया है। नकवी ने राज्यसभा में कहा कि विपक्ष के सांसद ऐसी आवाजें कर रहे हैं जैसी जू यानी चिडिय़ाघर में आती है। इसके बाद विपक्ष को मुद्दा मिल गया और उन्होंने नकवी के बयान का जमकर विरोध किया।

राज्यसभा में विपक्षी दल के सदस्यों ने आज गैर सरकारी सदस्यों के संकल्प पर चर्चा कर पांच बजे सदन की बैठक स्थगित करने और सत्तारूढ़ दल के इसके बाद विधेयकों पर चर्चा किए जाने की मांग पर अड़े रहने को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने जोरदार विरोध और हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर साढे तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। उप सभापति पी जे कुरियन ने भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो कांग्रेस आनंद शर्मा ने कहा कि शुक्रवार होने के कारण अधिकांश सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र में चले जाते हैं, इसलिए सदन की बैठक गैर सरकारी सदस्यों के संकल्प पर चर्चा के बाद पांच बजे समाप्त कर दी जानी चाहिए।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन की बैठक पांच बजे समाप्त किए जाने का कड़ा विरोध किया और कहा कि इसके बाद विधेयकों पर चर्चा की जानी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि गैर सरकारी सदस्यों के संकल्प और विधेयकों पर चर्चा को लेकर कोई निणर्य करना होगा। कुरियन ने कहा कि श्री शर्मा ने पांच बजे के बाद सदन हो या नहीं इसकी बात कही है। शर्मा ने उनके कक्ष में भी इस पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि पांच से छह बजे तक विधेयकों पर चर्चा हो तो इसमें गलत कुछ नहीं है क्योंकि यह कार्य सूची में दर्ज है। सदन की भावना में दोनो पक्षों की सहमति होनी चाहिए। नकवी ने कहा कि सरकार कामकाज नहीं हो यह न्यायपूर्ण नहीं है। इसके फौरन बाद कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गए और तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाने लगे। कुरियन ने इसके बाद सदन की कार्यवाही साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।