लखनऊ: डा0 एस0पी0 यादव, राज्यमंत्री, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उ0प्र0 द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 के तत्वाधान में पोलियो के समूलनाश की दिशा में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत इनैक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आई.पी.वी) का शुभारम्भ, अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय उत्तर प्रदेश लखनऊ में किया गया।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में पोलियो का अंतिम केस 13 जनवरी  2011 को हावड़ा, पश्चिम बंगाल में पाया गया था। तत्पश्चात भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त देश घोषित किया गया। भारत के साथ ही डब्ल्यू.एच.ओ., साउथ इस्ट एशिया रीजन  के 10 अन्य देशों (बांग्ला देश, भुटान, डेमोक्रेटिक पिपल्स आफ कोरिया, तिमोर लिस्ट, इण्डानेशिया, मालदीव, म्यामांर, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैण्ड) को भी पोलियो मुक्त प्रमाणित किया गया है। भारत के पोलियो मुक्त घोषित हो जाने के बाद भी पोलियो संक्रमित देशों (मुख्यतः पाकिस्तान और अफगानिस्तान) से पोलियो के पुनः संक्रमण प्रारम्भ होने का हमारे देश में भी खतरा बना हुआ है।

आज के कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर प्रमुख सचिव, चि0स्वा0 एवं परिवार कल्याण ने बताया कि उत्तर-प्रदेश पिछले 5 वर्षो से अधिक समय से पोलियो मुक्त है। प्रदेश में पोलियो का अंतिम केस  21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद जिले में पाया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश को पोलियो मुक्त बने रहने के लिए निरतंर प्रयासरत रहना होगा जब तक कि पोलियो का विषाणु पूरे विश्व से पूर्ण रूप से खत्म नहीं हो जाता। इसके लिए पोलियो अभियान चलाये जाते रहेगे, साथ ही साथ नियमित टीकाकरण को भी बेहतर बनाने के लिए समुचित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। नियमित टीकाकरण सुदृढ़ीकरण हेतु प्रदेश में मिशन इनद्रधनुष कार्यक्रम का भी संचालन किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश द्वारा पोलियो एण्ड-गेम स्ट्रैटिजिक प्लान (2013-18) के तहत भारत सरकार पोलियो वायरस के समूल नाश के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। अतः भारत सरकार द्वारा बच्चों की पोलियो के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत, वर्ष 2015 से, आई.पी.वी.(इनैक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन) की एक डोज, शामिल करने का निर्णय लिया गया है।

डा0 रेनु जलोटे, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उ0 प्र0  द्वारा अवगत कराया आई.पी.वी. पोलियो वायरस से बचाव हेतु एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन है जो कि इन्जेक्शन के रूप में बच्चों को दी जाती है। आई.पी.वी.द्वारा पोलियो के तीनों प्रकार के विषाणुओं से सुरक्षा मिलती है।

महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण, डा0 वेदप्रकाश ने बताया कि बालरोग विशेषज्ञों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस में यह वैक्सीन पिछले करीब 10 वर्षो से दी जा रही है। विश्व के करीब पचास देशों में       आई.पी.वी. की सुई ओ.पी.वी. की खुराक के साथ नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत दी जाती है। आई.पी.वी. एक महंगी वैक्सीन है। उन्होंने यह भी बताया कि नियमित टीकाकरण के अंतर्गत 14 हफ्ते (साढे़ तीन माह) की उम्र के बच्चांे को ओ.पी.वी. की तीसरी खुराक के साथ आई.पी.वी. की एक डोज बच्चे की दांई जाॅघ में सुई के रूप में दी जायेगी।

डा0 ए0पी0 चर्तुवेदी, संयुक्त निदेशक द्वारा बताया गया कि यह डोज 14 हफ्ते से एक वर्ष तक के बच्चों को ही ओ.पी.वी.-3 के साथ दी जायेगी। आई.पी.वी. पूर्णतः सुरक्षित एवं प्रभावी वैक्सीन है, जिसे अन्य वैक्सीन जैसे-डी.पी.टी., हैपेटाइटिस-बी,/पैंटावेलेंट वैक्सीन के साथ सुरक्षित रूप से दिया जा सकता है। आई.पी.वी. की एक डोज को नियमित टीकाकरण में शामिल किये जाने से बच्चों को पोलियो वायरस से और अधिक प्रभावी सुरक्षा मिलेगी तथा देश में पोलियो वायरस के पुनः संक्रमण के खतरे से बचाव होगा।

उत्तर प्रदेश सरकार पोलियो के समूलनाश हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित है तथा इस ओर एक कदम बढ़ाते हुए आई.पी.वी. की एक डोज को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किये जाने के निर्णय लिया गया है।