पेरिस: पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित समिट को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आह्वान किया और कहा कि मानवता और पर्यावरण में खोए संतुलन को वापस बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया को इस मामले को तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें अपने ग्लेशियरों की चिंता करनी चाहिए। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि पेरिस समिट से इस समस्या का कुछ हल निकलना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जो भी फैसला होगा वह हमारे विकास पर असर डालेगा। हमें एक बराबरी का और स्थाई समझौते की उम्मीद है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि दुनिया में सबकी जरूरतें पूरी हो सकती हैं लेकिन लालच नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2030 तक हमारी ऊर्जा जरूरतों का 40 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा से पूरी होगा।