जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक़ अब्दुल्ला पाक अधिकृत कश्मीर पर शुक्रवार को दिए अपने बयान पर क़ायम हैं। फारूक़ ने कहा था कि पीओके पाकिस्तान का और कश्मीर भारत का हिस्सा है और रहेगा। उनके इस बयान की ख़ासी आलोचना हुई थी, लेकिन फारूक़ ने अपने बयान पर क़ायम रहते हुए कहा, ‘एक बार नहीं बार-बार कहता हूं कि यह रियासत एक नहीं हो सकती, न हमारे पास दम है, न उनके पास।’
फारूक़ ने यह भी कहा कि हिंदुस्तान की सारी फौज भी आ जाए, तो भी आतंकवादियों के खिलाफ बचाव नहीं कर सकती। इनसे बातचीत करके मामला हल करना यही एक रास्ता है, लेकिन वो होगा नहीं।
इसके साथ ही अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि ‘आज तक हम पंडित भाइयों को बसा नहीं सके। जहन्नुम में जाएं यह इलेक्शन जो बांटते हैं। मैं हिन्दुस्तानी हूं, मैं हिन्दुस्तानी रहूंगा और हिन्दुस्तानी मरूंगा।’
फ़ारूक़ ने शुक्रवार को जम्मू में कहा था ‘पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) पाकिस्तान में हैं और रहेगा, वहीं जम्मू-कश्मीर भारत में है और रहेगा। हमें इस बात को समझना होगा।’ जब इस बात को स्पष्ट करने को कहा गया तो फारूख ने कहा, ‘मैं यह बात कई वर्षों से कह रहा हूं कि (पीओके) भारत का हिस्सा है, लेकिन आपने क्या कर लिया। क्या आपने इसके भारत के हिस्से के रूप में ले लिया।’ उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। इसमें केवल लोगों की जान जाती हैं। बातचीत ही अकेला विकल्प है।
फारुख के इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया आई हैं। भाजपा सांसद और पूर्व गृह सचिव आरके सिंह ने कहा, यह बेकार बयान है। यह पाक के कब्जे वाला कश्मीर है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किया है। जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा, संसद की ओर से 1994 में जारी किए गए प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि पीओके भारत का हिस्सा है। दूसरी ओर फारूक के पुत्र उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं इस बात पर हैरान हूं कि चैनल मेरे पिता के विचार को इस तरह ले रहे हैं जैसे उन्होंने ऐसी बात पहले कभी नहीं कहीं।’
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