लखनऊ: प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मनोज कुमार पाण्डेय ने आज स्कूल आॅफ मैनेजमेंट साइन्सेज, लखनऊ, काउन्सिल आॅफ साइन्स एण्ड टेक्नोलाॅजी उ0प्र0 तथा इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स, यू0पी0 स्टेट चैप्टर, के सहयोग से ‘धरती के ऊर्जा स्रोत, पर्यावरण तथा आपदा विज्ञान, चुनौतियाँ व रणनीतियाँ’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर संस्थान की वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया।

श्री पाण्डेय ने कहा कि पर्यावरण को अक्षुुण्ण बनाए रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने वर्तमान में पानी के गिरते जलस्तर पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पौधे लगाकर गिरते जलस्तर पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने इस दिशा  में राज्य सरकार के विभिन्न प्रयासों तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता से अवगत कराया। श्री पाण्डेय ने उपस्थित लोगों को देश  की उस गौरवषाली परम्परा की याद दिलायी, जिसमें मानव एवं प्रकृति में अपूर्व सामंजस्य था। उन्होंने कहा कि हमारा भविष्य हमारे अतीत की नींव पर खड़ा है। उन्होंने देश -विदेश  के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आये हुये वैज्ञानिकों तथा शोध छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियों में पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न चुनौतियों एवं समाधानों को रेखांकित किया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि धरती पर पर्यावरण का मुद्दा दुनिया के अस्तित्व को बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पूरी सभ्यता खतरे में है तथा सभी प्राणी व पेड़-पौधों को तापमान वृद्धि के कारण खतरा उत्पन्न हो गया है। इससे मानव जीवन भी अत्यधिक प्रभावित होगा। इसका ज्वलन्त उदाहरण विगत् वर्षों में ‘हुदहुद’ तथा ‘नीलोफर’ तूफानों से हुई क्षति से आंका जा सकता है।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विषिष्ट अतिथि कुलपति मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विष्वविद्यालय प्रो0 (डाॅ0) ओंकार सिंह ने कहा कि जब हम पर्यावरण में बदलाव की बात करते हैं तब उसका उद्देष्य धरती पर बढ़ रहे तापमान व मौसम में बदलाव से होता है। दिनों-दिन हमारी धरती का तापमान बढ़ रहा है और इसका मुख्य कारण धरती के वायुमण्डल में कार्बन डाई-आक्साइड का घनत्व तथा तापमान का बढ़ना है। हमारा अनियंत्रित ऊर्जा उपयोग वायुमण्डलीय ताप वृद्धि का एक मुख्य कारक है एवं सड़कों पर बढ़ते हुये वाहन, एयर कंडीषनर, कम्प्यूटर तथा अन्य विद्युत संयत्रों के बढ़ते हुये उपयोग से धरती के वायुमण्डलीय तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। 

एस0एम0एस0 के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी  शरद सिंह ने कहा कि धरती के पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। उन्होंने आज की आधुनिक जीवनशैली, रहन-सहन, कार्यप्रणाली को पर्यावरण प्रदूषित करने का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भागदौड़ की इस जीवनशैली में कोई यह नहीं सोचता है कि हम स्वयं ही पर्यावरण के इन चरम बदलावों के लिए जिम्मेदार हैं।

संगोष्ठी के संयोजक एवं एस0एम0एस0 के निदेशक डाॅ0 भरत राज सिंह ने धरती पर हो रही अप्रत्याशित घटनाओं की रूपरेखा तथा उनके उपचार हेतु वैज्ञानिकों से विचार-विमर्श का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर हमें अपनी आने वाली पीढि़यों के लिए एक साफ-सुथरी, हरी-भरी धरती बनाना है। इस अवसर पर स्कूल आॅफ मैनेजमेंट साइन्सेज़ द्वारा निरन्तर संचालित पर्यावरण जागरूकता अभियान ‘ग्रीन क्वेस्ट’ की प्रगति के विषय पर चर्चा की गई। कुवैत आयल कम्पनी के मुख्य सलाहकार इं0 जे0आर0 सिंह ने भी संगोष्ठी को सम्बोधित किया।