लखनऊ: लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव, सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने यूपी के निलंबित चल रहे आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर को कानूनी नोटिस भेजा है । हाई कोर्ट के अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता के माध्यम  से भेजे इस नोटिस के मार्फत उर्वशी ने नूतन पर कायराना एवं दूषित मानसिकता के तहत उनकी व उनकी संस्था येश्वर्याज की मानहानि करने का आरोप लगाया है ।

गौरतलब है कि उर्वशी ने बीते 5 नवम्बर को सामाजिक संस्था येश्वर्याज की  सचिव की हैसियत से हाई कोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में एक पी.आई.एल. दायर करके न्यायालय से यूपी के निलंबित आईपीएस अमिताभ  ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के विरुद्ध लंबित रेप और धोखाधड़ी की तथा अमिताभ  ठाकुर के विरुद्ध भ्रष्टाचार की एफ.आई.आर. की त्वरित विवेचना कराने के साथ साथ लोकायुक्त द्वारा अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध की गयी जांच की अनुशंषाओं पर त्वरित कार्यवाही हेतु उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया था । इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते 16 नवम्बर को येश्वर्याज की इस पीआइएल में किसी भी प्रकार का जनहित का मुद्दा नहीं बताते हुए इसे खारिज कर दिया था ।

उर्वशी ने बताया कि पीआईएल खारिज होने के बाद नूतन ठाकुर ने समाचार पत्रों के माध्यम से उन पर और उनकी संस्था येश्वर्याज पर यह पीआइएल यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के इशारों पर दायर किये जाने का गलत और झूंठा और आधारहीन आरोप लगाया था ।

बकौल उर्वशी येश्वर्याज संस्था ने 2011-12 में पंजीकरण के बाद से आज तक किसी भी सरकारी या प्राइवेट संस्थान से किसी भी प्रकार की कोई भी मदद नहीं ली है और इसीलिये नूतन ठाकुर द्वारा उनकी संस्था पर सूबे के खनन मंत्री से मदद का आरोप लगाने से उनकी व उनके सामाजिक संगठन की घोर अपहानि कारित हुई है ।

उर्वशी के इस नोटिस के माध्यम से नूतन पर येश्वर्याज के प्रति दुर्भावना का आरोप लगाया गया है और नूतन ठाकुर को 15 दिन का समय देते हुए नूतन के ‘गायत्री के इशारों पर पीआइएल किये जाने’ संबंधी वक्तव्य के सम्बन्ध में ठोस साक्ष्य एवं सबूतों की मांग की गयी है । नूतन द्वारा सबूत न देने की स्थिति में नूतन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किये जाने की बात भी इस नोटिस में कही गयी है ।