लखनऊ: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश लखनऊ विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालय इकाई द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश का 21वां स्थापना दिवस समारोह एवं ‘शाश्वत जीवन मूल्य एवं शिक्षा’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन डी.पी.ए. सभागार, लोक प्रशासन विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय में  किया गया। 

मुख्य वक्ता अखिल भारती राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओम पाल सिंह  कहा की शाश्वत जीवन मूल्यों के जतन  से ही नई पीढ़ी और नये भारत का निर्माण संभव है। शाश्वत जीवन मूल्यों एवं चरित्र निर्माण में सहायक शिक्षा पद्धति से ही देश के तमाम संकटो का निवारण हो सकता है। जीवन मूल्यों के आधार पर ही उत्तरोत्तर विकास संभव है। 

मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एस0 बी0 निमसे ने कहा की जीवन मूल्यों से युक्त शिक्षा पद्धति की पुनः संरचना की आवश्यकता है। हमारा उद्देश्य है की ऐसे छात्र निकले जो समाज को सही दिशा दे सके।   वर्तमान में में व्यावसायिकता के साथ ही मूल्यपरक शिक्षा देनेवाली संस्थाओ की आवश्यकता है। 

विशिष्ट अतिथि अखिल भारती राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उच्च शिक्षा संवर्ग के राष्ट्रीय प्रभारी श्री महेन्द्र कुमार ने कहा की शाश्वत जीवन मूल्य हमारी पारम्परिक थाती है। संकीर्णताओं -रूढ़ियों को तिलांजलि देकर उदारता और मुक्त हृदयता की और बढ़ाना होगा। इसके लिए पाठ्य पुस्तको में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मूल्य बोध से प्रेरित सामग्री का सजगता पूर्वक समावेश किया जाना चाहिए। 

महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार सिंह ने स्थापना के समय की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा की यह स्वाध्याय -स्वावलम्बन एवं सम्मान की परिकल्पना ले कर चलने वाला शिक्षको का सशक्त संगठन है। 

लखनऊ विश्विद्यालय इकाई के अध्यक्ष प्रो सोमेश कुमार शुक्ल ने  सभी अतिथियों को शाल एवं स्मृतिचिन्ह भेट कर सम्मानित किया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ शिक्षा के क्षेत्र में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के वैचारिक अधिष्ठान को लेकर भारतीयता से ओत-प्रोत शिक्षा एवं समाज की संकल्पना वाला संगठन है।

 डॉ हरनाम सिंह ने अधिवेशन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। संगोष्ठी का सञ्चालन शिक्षा शास्त्र विभाग की डॉ किरनलता डंगवाल नई किया आभार ज्ञापन महामंत्री डॉ सुरेश पति त्रिपाठी ने किया जिसमे प्रमुख रूप से नेसनल पि जी कालेज के प्राचार्य डॉ एस पी सिंह , उपाध्यक्ष डॉ सुभास चन्द्र पाण्डेय ,  प्रो वी के गोस्वामी, डॉ अवधेश कुमार , डॉ राजकुमार , डॉ पंकज सिंह ,डॉ  बबिता पाण्डेय डॉ अब्दुल रहीम सहित  विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक उपस्थित रहें।