लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्र, अपने विशिष्ट हस्त उत्पादों एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से देश-दुनिया में जाने एवं पहचाने जाते हैं। प्रदेश में हस्तशिल्प उत्पाद के माध्यम से लाखों लोगों को रोजी-रोटी मिली है। राज्य सरकार हस्तशिल्पियों को बेहतर प्रशिक्षण, बाजार एवं आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के साथ-साथ इनके रहन-सहन के स्तर में लगातार सुधार लाने का काम कर रही है, जिससे इनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो और उन्हें कार्य करने का अच्छा एवं सुविधाजनक वातावरण मिल सके।

मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में राज्य सरकार एवं हैण्ड डिजाइन संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि मैक्सीमिलियानो माडेस्टी एवं अभिषेक सर्राफ द्वारा वित्त पोषित यह संस्था प्रदेश के हस्त कारीगरों को प्रशिक्षण देने, प्रशिक्षण के उपरान्त प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने, उत्पादों के लिए बाजार तथा सीखने के बाद उद्यमी बनने की इच्छा रखने वाले कारीगरों को वित्तीय सहयोग दिलाने में मदद करेगी। इसके साथ ही, संस्था राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन0एस0डी0सी0) द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप इनके उत्पादों को लग्जरी क्राप्ट की श्रेणी में लाने में मदद देगी, ताकि हस्त उत्पादों को अच्छा मूल्य मिल सके। इस प्रकार संस्था की मदद से प्रदेश की परम्परागत शिल्प कला को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने का काम किया जाएगा। 

श्री यादव ने हस्त कारीगरों को जन्मजात प्रतिभाशाली बताते हुए कहा कि इन्हें पैतृक परम्परा से अपने हुनर को निखारने का मौका मिलता है। वाराणसी एवं इसके आस-पास क्षेत्रों में बनने वाली बनारसी साड़ी एवं गलीचे, लखनऊ का चिकन आदि तैयार वाले अधिकांश लोग अपने परिवार के माध्यम से ही अपनी कला का विकास करते हुए काम कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि आज दुनिया में अपने उत्पादों को बेचने के लिए काफी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वर्तमान जरूरतों के हिसाब से इन कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें एन0एस0डी0सी0 द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप उत्पादन करने के लिए पे्ररित करना जरूरी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हैण्ड डिजाइन संस्था के सहयोग से प्रदेश के कारीगरों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कारीगरों को बाजार की उन बारीकियों की भी जानकारी दी जानी चाहिए जिससे मुनाफे की धनराशि बिचैलियों के बजाए मूल कारीगरों तक अवश्य पहुंचे। 

प्रदेश के हस्तशिल्पियों एवं बुनकरों की मदद के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में लगभग 25 एकड़ में अवध शिल्प ग्राम का विकास किया जा रहा है। इससे शिल्पकारों को अपने उत्पाद दुनिया के बाजारों तक पहंुचाने में मदद मिलेगी। इसी प्रकार नोएडा मंे शिल्प हाट एवं बुनकर भवन तथा भदोही में कारपेट बाजार का निर्माण कराया जा रहा है। हस्त शिल्पियों और बुनकरों को अपने उत्पाद सीधे पर्यटकों को बेचने के लिए लखनऊ में लखनऊ हाट का निर्माण कराया गया है। इन परियोजनाओं के माध्यम परम्परागत हस्त शिल्प और कुटीर उद्योग को बेहतर बाजार और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने से इनसे जुड़े लाखों परिवारों को फायदा मिलेगा।