लखनऊ। लखनऊ घराने के प्रसिद्व कथक गुरु अर्जुन मिश्र का आज सुबह यहां निधन हो गया। बोन कैंसर से ग्रसित 57 वर्षीय अर्जुन मिश्र लगभग एक महीने से यहां सहारा हास्पिटल में भर्ती थे और पिछले 17 दिनों से वेण्टीलेटर पर थे। उनके परिवार में पत्नी, पुत्र अनुज मिश्र और दो बेटियां स्मृति मिश्र व कांतिका मिश्र हैं। आज दोपहर बाद यहां बैकुण्ठ धाम घाट पर उनकी अंत्येष्टि कर दी गई। 

बैकुण्ठ धाम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में उनकी इटली, श्रीलंका आदि के शिष्य-शिष्याओं के साथ ही राजधानी के कला और संगीत जगत की अनेक हस्तियां उपस्थित थीं। उनकी स्मृति में कल शाम 23 अक्टूबर को जयशंकर प्रसाद सभागार कैसरबाग में शाम पांच बजे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। 

वाराणसी के परम्रागत संगीत खानदान में जन्मे अर्जुन मिश्र लखनऊ घराने के कथक के विख्यात नर्तक थे। पण्डित अर्जुन मिश्र को पिता नान्हू मिश्र ने तबले और संगीत की विधिवत शिक्षा देना पांच वर्ष की उम्र में ही शुरू कर दिया था। कथक की विधिवत तालीम उन्होंने अपने चाचा रामनारायण मिश्र से ली। साथ ही इस उत्तर भारतीय प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैली की बारीकियांे को पद्मविभूषण बिरजू महाराज से गहनता से सीखा। अमेरिका, सोवियत रूस, मिस्र, जापान, जर्मनी, थाईलैण्ड, सिंगापुर, इज़रायल, इटली सहित दुनिय के अनेक देशों में कथक के प्रदर्शन किये। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्राप्त अर्जुन मिश्र अकादमी के कथक केन्द्र के निदेशक भी रहे। लगभग दो दशक पहले उन्होंने यहां कथक अकादमी की स्थापना की और तबसे बराबर अकादमी के माध्यम से अनेक देशी-विदेशी शिष्य-शिष्याओं को तैयार करते हुए कथक को विस्तार देते रहे। गुरु अर्जुन मिश्र के बारे में कहा जाता है कि वे अपने शिष्य-शिष्याओं को बहुत शीघ्र ही मंच प्रदर्शन के लायक बना देते थे।