लखनऊ:  देश में असहिष्णुता का माहौल पैदा होने को लेकर कुछ दिनों पूर्व केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले शायर मुनव्वर राना के सुर अब बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके बड़े भाई की तरह हैं और अगर वह इस हैसियत से कहेंगे तो वह उनका जूता उठाने को भी तैयार हैं।

लखनऊ में गुरुवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर उनकी बड़ी इज्जत करता हूं। अगर मोदी कहेंगे तो वह साहित्य अकादमी पुरस्कार स्वीकार कर लूंगा। मैं प्रधानमंत्री से जल्द ही अगले हफ्ते मुलाकात करूंगा।

प्रख्यात शायर ने कहा कि मुझे सत्ता और इनाम का कोई शौक नहीं है। सत्ता तो मेरे शहर की नालियों में बहती है। मैं तो उसूलों पर चलने वाला व्यक्ति हूं। मर जाऊंगा, लेकिन अपने उसूलों से समझौता नहीं करूंगा। देश में आपसी भाईचारे का माहौल भी बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सच बताने वाला कोई शख्स होना चाहिए। सिर्फ खुशामद करने वाले व्यक्ति कभी-कभी घातक हो जाते हैं।

ज्ञात हो कि साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले देश के मशहूर शायर मुनव्वर राना की मुलाकात जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो सकती है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने राना से संपर्क कर यह पूछा है कि ‘आप मुलाकात के लिए कब उपलब्ध हो सकते हैं।’

मूलरूप से रायबरेली के रहने वाले राना ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। राना ने कहा है कि हां प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर उनके पास फोन आया था। ऐसा माना जा रहा है कि अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शायर मुनव्वर राना से मुलाकात हो सकती है। मुन्नवर राना ने भी अन्य साहित्यकारों की तरह ही देश के बिगड़ रहे माहौल को लेकर साहित्य अकादमी पुरस्कार और पुरस्कार स्वरूप मिले एक लाख रुपये का चेक एक टीवी शो के दौरान वापस कर दिया था।