मुम्बई। पाकिस्तान का हर समय विरोध करने वाली शिवसेना का यह कदम किसी को भी आश्चर्य में डाल सकता है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना चाहती है कि केंद्र सरकार नोबल पुरस्कार विजेता और बाल शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई को भारत आने के लिए आमंत्रित करे और वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का दूत बने। पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ मलाला की लड़ाई की भी सराहना की है।

पिछले कुछ हफ्ते में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन करने वाले भगवा संगठन के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा मलाला शांति की सच्ची दूत है क्योंकि उसने शांति को बढ़ावा देने के लिए अपना खून बहाया है। राउत ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान में केवल सौ मलाला हो जाएं तो देश से हमेशा के लिए आतंकवाद का खात्मा हो जाएगा। मलाला को 2012 में तालिबान ने गोली मार दी थी हालांकि वह बच गई और इसके बाद से वह ब्रिटेन में रह रही है। उसे पिछले साल भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया था।

शिवसेना ने कहाकि हम खुले दिल से मलाला का स्वागत करेंगे। मलाला और खुर्शीद कसूरी जैसे राजनेता में दिन रात का अंतर है। कसूरी ने हमेशा आतंकवाद का समर्थन किया। उनके जैसे राजनेता भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने के लिए आतंकियों की मदद करते हैं। लेकिन मलाला ने पाकिस्तान की जमीन पर आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ी है। अपने उद्देश्य के लिए लड़ने को उसने गोलियां भी खाई और लगभग अपनी जान भी गंवा दी थी। पूरी दुनिया को उससे सबक सीखने की जरूरत है।