लखनऊ: सहायक अध्यापक बन चुके शिक्षामित्रों का वेतन भुगतान रोक दिया गया है। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने आदेश जारी कर दिया है। हालांकि अभी तक न्याय विभाग ने इस मामले में अंतिम राय नहीं दी है।

हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर को शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। इसके बाद उनके वेतन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने शिक्षामित्रों के वेतन भुगतान को लेकर शासन से दिशानिर्देश मांगे थे। मुख्य स्थायी अधिवक्ता, न्याय विभाग के पास इसकी फाइल घूमती रही। लगभग दस दिन पहले न्याय विभाग ने वित्त विभाग के पास फाइल भेज दी कि वेतन देने या न देने का फैसला वित्त विभाग लेगा लेकिन इसके बाद हुई बैठकों में मुख्यमंत्री सचिवालय से निर्देश दिए गए। कहा गया कि मामला हाईकोर्ट के आदेशों के तहत है, लिहाजा न्याय विभाग ही वेतन भुगतान पर फैसला करेगा। अब न्याय विभाग ही इस पर फैसला लेगा।

दूसरी तरफ, शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर करने जा रही है। इस समय यूपी में 1.30 लाख शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें 12 सितम्बर के बाद का वेतन नहीं दिया गया है। इनमें से 58 हजार शिक्षामित्र पिछले वर्ष समायोजित हुए थे।